Electoral Bond क्या है और चर्चा में क्यों है?


By Amrendra Kumar Yadav15, Mar 2024 12:40 PMjagran.com

इलेक्टोरल बॉन्ड

इलेक्टोरल बॉन्ड एक ऐसा बॉन्ड है, जो राजनैतिक दलों को चंदा देने के उद्देश्य से लाया गया था। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकता है। इसके लिए बॉन्ड स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जारी करती है।

पॉलिटिकल पार्टी को चंदा

इस योजना के तहत कोई भी ये बॉन्ड खरीद सकता है और अपनी पसंदीदा पार्टी को गुमनाम तरीके से ये बॉन्ड दे सकता है।

कितनी है बॉन्ड की राशि?

एसबीआई द्वारा जारी इन बॉन्ड की कीमत 1,000 रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक होती है। एसबीआई समय-समय पर 1 हजार, 10 हजार, 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ के बॉन्ड जारी करती है।

कब लागू हुई यह योजना?

इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को केंद्र सरकार द्वारा साल 2017 में फाइनेंस बिल के जरिए संसद में पेश किया गया था, इस योजना के लिए नोटिफिकेशन 29 जनवरी 2018 को जारी किया गया था।

कितने दिनों तक मान्य है?

इलेक्टोरल बॉन्ड की अवधि 15 दिनों की होती है, इन्हें एसबीआई से खरीदने के बाद 15 दिनों के भीतर पीपल्स रिप्रजेंटेटिव एक्ट के तहत के तहत राजनैतिक दलों को दान किया जाता है।

किन्हें मिलता है इसका लाभ?

इसके तहत चंदा केवल उन्हीं दलों को मिलता है, जिनको पिछले आम चुनावों या विधानसभा चुनावों में कम से कम 1 प्रतिशत मत हासिल हुए हों।

कब जारी होते हैं बॉन्ड?

इस योजना के तहत एसबीआई जनवरी, अप्रैल, जुलाई, अक्टूबर के महीने में 10 दिनों के लिए बॉन्ड जारी करती है। इस दौरान इन्हें खरीदा जा सकता है।

30 दिनों की अतिरिक्त अवधि

वहीं इन्हें आम चुनावों के वर्ष में केंद्र सरकार के द्वारा जारी अधिसूचना के तहत 30 दिनों की अतिरिक्त अवधि के लिए जारी किया जा सकता है। इस दौरान भी इन बॉन्डस को खरीदा जा सकता है।

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी ये जानकारी कैसी लगी, ऐसी ही तमाम खबरों के लिए बनें रहें हमारे साथ jagran.com पर।

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