भारत ने अल्ट्रा-हाई स्पीड यात्रा के लिए Hyperloop तकनीक लाने में रुचि दिखाई है लेकिन चर्चा अभी शुरुआती चरण में है।
Hyperloop ट्यूब में चलने वाली हाई-स्पीड ट्रेन की तरह है, इस तकनीक के विकास में अरबपति कारोबारी एलन मस्क का अहम योगदान है।
यह एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से दुनिया में कहीं भी लोगों या सामान को तेज गति से सुरक्षित पहुंचाया जा सकता है, इससे पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है।
Hyperloop में एक 'ट्यूब मॉड्यूलर ट्रांसपोर्ट सिस्टम' का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी रफ्तार 760 मील प्रति घंटे तक हो सकती है।
9 नवंबर 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर पॉड के साथ वर्जिन Hyperloop टेस्ट रन किया गया, Hyperloop वाहनों को पॉड कहा जाता है।
इसकी पहली यात्रा में एक भारतीय सहित कुछ अन्य यात्री भी शामिल थे, , इसने 100 मील प्रति घंटे या 161 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से यात्रा पूरी की।
वर्जिन Hyperloop-डीपी वर्ल्ड कंसोर्टियम को मुंबई-पुणे Hyperloop परियोजना के लिए प्रस्ताव लाने को मंजूरी दी गई है।