बैंक से लोन लेते समय सबसे जरूरी चीज होती है, वह है क्रेडिट स्कोर। जितना अच्छा क्रेडिट स्कोर होता है, लोन मिलने में आसानी होाती है वहीं क्रेडिट स्कोर खराब होने पर लोन मिलने में दिक्कतें होती हैं।
क्रेडिट स्कोर का बैंक में अहम रोल होता है। कोई भी बैंक हमारे क्रेडिट स्कोर के आधार पर ही लोन देती है।
किसी भी लोन को लेने के लिए बैंक के कुछ नियम व शर्तें होती हैं, इन नियमों का पालन न करने पर हमारे क्रेडिट स्कोर पर बुरा असर पड़ता है।
क्रेडिट रेटिंग के तहत मिलने वाले लोन और उससे जुड़े भुगतान प्रभावित होते हैं। इसकी रेटिंग व्यवसायों व सरकार द्वारा लागू होती है। यह रेटिंग 300 से 800 के बीच होती है।
हमारे देश में कई क्रेडिट कंपनियां हैं, ये कंपनियां ही क्रेडिट स्कोर तय करती हैं। हालांकि यह कंपनियां स्पेशल बैंक के लिए काम नहीं करती हैं। यह प्लेटफॉर्म सभी बैंकों के सहयोग से बना है।
यहां पर ग्राहकों द्वारा लिए गए लोन और उनके रिपेमेंट की जानकारी होती है। इस डेटा की मदद से बैंक ग्राहकों के लेनदेन का लेखा-जोखा आसानी से ले सकते हैं।
इससे ग्राहक की वेल्थ पता चलती है। इस डेटा के जरिए ग्राहक की इनकम व वह वित्तीय रूप से कितना सशक्त है। इसका पता कर सकते हैं।
यदि कोई व्यक्ति क्रेडिट कार्ड का बिल देरी से भरता है तो ऐसे में उसे लोन लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
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