छठ पूजा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है।
यह पर्व विशेष रूप से बिहार और उसके आसपास के क्षेत्रों में मनाया जाता है। छठ पूजा के दौरान 4 दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है।
इस व्रत का पालन महिलाएं अपने बच्चों की सलामती व परिवार की खुशहाली के लिए करती हैं। इस साल यह पर्व 17 नवंबर से शुरू हो रहा है।
छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय होता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है।
छठ पूजा का दूसरा दिन खरना का माना जाता है। इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक निर्जला व्रत रहा जाता है। सूर्यास्त के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है।
छठ पूजा के तीसरे दिन निर्जला व्रत रहा जाता है और शाम में सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन रात भर निर्जला व्रत रहा जाता है।
छठ के चौथे और अंतिम दिन उगते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। इसे उषा अर्घ्य भी कहते हैं।
उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। छठ व्रत का पारण 20 नवंबर 2023 को किया जाएगा।
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