भूकंप को रिक्टर स्केल (Earthquake Richter Scale) पर मापा जाता है, यह पद्धति अमेरिकी भूविज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर द्वारा आविष्कृत की गई थी।
इसकी गणना आमतौर पर 1 से 10 के बीच में की जाती है, आइए जानते हैं कि रिक्टर स्केल का भूकंप कितना विनाशकारी साबित हो सकता है।
1935 में अमेरिकी भू-विज्ञानी चार्ल्स एफ रिक्टर ने एक ऐसे यंत्र का आविष्कार किया जो पृथ्वी की सतह पर उठने वाली भूकंपीय तरंगों के वेग को माप सकता है।
इस यंत्र के माध्यम से भूकंपीय तरंगों को डेटा में परिवर्तित किया जा सकता है, रिक्टर स्केल आमतौर पर लॉगरिथम के अनुसार काम करता है।
रिक्टर स्केल पर जब भी भूकंप की तीव्रता 0 से 1.9 तक होती है तो उसे सीज्मोग्राफ पर ही ये दर्ज होता है, आम लोगों को यह बिल्कुल महसूस नहीं होता है।
जब रिक्टर स्केल पर 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया जाता है तो लोगों को बहुत मामूली झटके महसूस होते हैं।
अगर 3-3.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो वहां के लोगों को हल्के झटके महसूस होते हैं, ये झटके ऐसे होते हैं जैसे कोई बड़ा वाहन, बस या ट्रक आपके पास से गुजरा हो।
4-4.9 रिक्टर स्केल के भूकंप से इमारतों को नुकसान हो सकता है, इतनी तीव्रता के भूकंप के दौरान हल्के से लेकर तेज झटके महसूस किए जाते हैं।
जब भूकंप की गति रिक्टर स्केल पर 5 से 5.9 के बीच होती है तो काफी नुकसान हो सकता है, इस दौरान घर में रखी फर्नीचर आदि भारी वस्तुएं हिलने लगती हैं।
अगर 6-6.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो तेज झटके महसूस होते हैं, ऐसे भूकंप पूरे शहर में असर दिखा सकते हैं।
जब 7-7.9 रिक्टर स्केल का भूकंप आता है तो बहुत तेज झटके महसूस होते हैं, इसे विनाशकारी भूकंप कहा जा सकता है, जिसमें जान-माल का बहुत नुकसान होता है।
इस दौरान पृथ्वी की सतह इतनी तेज गति से हिलती है कि बड़े बड़े पुल भी गिर सकते हैं, सुनामी आ सकती है।
अगर 9-9.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो धरती का एक बड़ा हिस्सा तबाह हो जाएगा।
रिक्टर स्केल पर 10 तीव्रता का भूकंप ऐतिहासिक होगा, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती, ऐसे भूकंप के बाद धरती पर शायद ही कोई बचेगा।