अठारहवीं लोकसभा के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है, इसके लिए 1 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों में चुनाव होंगे और 4 जून को नजीते घोषित होंगे।
चुनाव की तारीखों के एलान होते ही आदर्श आचार संहित लागू हो जाती है, इस दौरान चुनाव आयोग की तरफ से निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के लिए कुछ रूल्स एंड रेगुलेशन जारी करती है।
इन नियमों का पालन करना राजनीतिक दलों और नेताओं की जिम्मेदारी होती है, इनका उल्लंघन करने पर आईपीसी की धारा-188 के तहत कानूनी कार्यवाई की जाती है।
आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी गाड़ी या विमान का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं कर सकते हैं। इसके अलाव सरकारी बंगले का भी इस्तेमाल चुनाव के समय नहीं किया जाएगा।
आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी सरकारी योजना का शिलान्यास, लोकार्पण और घोषणा नहीं की जाएगी, जिससे चुनाव प्रभावित हों।
किसी भी राजनेता या पार्टी के लिए सार्वजनिक धन के इस्तेमाल पर पाबंदी होती है, क्योंकि इससे प्रभावशाली लोगों को ज्यादा लाभ मिल सकते हैं।
वहीं किसी रैली को करने के लिए पहले पुलिस प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ेगी, इस दौरान राजनीतिक पार्टियों और चुनाव लड़ रहे नेताओं को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।
आचार संहिता के दौरान निर्वाचन की प्रक्रिया में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े कर्मचारियों और अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग नहीं हो सकती है, ऐसा करना आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।
आचार संहिता के दौरान इन नियमों का पालन करना जरूरी होता है, ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM