काली खांसी, जिसे पर्टुसिस और व्हूपिंग कफ भी कहा जाता है। ये एक तरीके का बहुत गंभीर इंफेक्शन होता है जिससे सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।
ये रोग आमतौर पर से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में ये इंफेक्शन सीरियस हो सकता है।
यह काली खांसी का सबसे आम लक्षण है। खांसी इतनी तेज हो सकती है कि व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
खांसी के बाद उल्टी होना भी आम है। इसके अलावा काली खांसी में बीमार बच्चे को भूख कम लग सकती है और वजन कम हो सकता है।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि आप किस तरह काली खांसी से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए इसके बारे में जानें।
काली खांसी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण है। डीटीएपी टीका बच्चों को काली खांसी, डिप्थीरिया और टिटनेस से बचाता है।
यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हैं, तो उनसे कम से कम 6 फीट की दूरी बनाए रखें।
यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो मास्क पहनें। इसके अलावा अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं।
अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो ये उपाय जरूर अपनाएं। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com