प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा-व्रत करने का विधान है। पौष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होता है।
इस बार प्रदोष व्रत 9 जनवरी को है। प्रदोष व्रत के दिन मंगलवार होने की वजह से इसे भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत के दिन महादेव की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में सुख-शांति का आगमन होता है और साधक के ऊपर सदैव भगवान शिव की कृपा बनी रहती है।
प्रदोष व्रत के दिन कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। वरना महादेव रुष्ट हो जाते हैं और जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रदोष व्रत की पूजा के दौरान भगवान शिव को तुलसी, सिंदूर, हल्दी, केतकी और नारियल का जल अर्पित नहीं करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से महादेव रुष्ट हो जाते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन महिलाओं को शिवलिंग को नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से माता पार्वती नाराज होती हैं। इसके चलते कंगाली आ सकती है।
इस दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा प्रदोष व्रत के दिन सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए।
इसके अलावा तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रदोष व्रत करने वाले साधक को अन्न और चावल नहीं खाना चाहिए।
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