ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक, सूर्य देव एक राशि में 30 दिन तक रहते हैं और फिर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। जब सूर्य देव धनु और मीन राशि में रहते हैं तो उनके स्वामी बृहस्पति का प्रभाव क्षीण हो जाता है।
बृहस्पति का प्रभाव क्षीण होने की वजह से खरमास लगता है। इस अवधि में कोई भी शुभ कार्य करने की मनाही होती है।
सूर्य देव 16 दिसंबर को कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। 30 दिन तक सूर्य देव इस राशि में रहेंगे तब तक खरमास रहेगा।
इसके बाद सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मकर में प्रवेश करने के बाद शुभ कार्य फिर से हो सकेंगे।
इस अवधि में सूर्य देव की पूजा का विशे। महत्व है। खरमास के दौरान रोजाना सूर्य देव की पूजा करें, इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।
खरमास के दौरान जल में कुमकुम मिलाकर सूर्य देव को अर्पित करना चाहिए, इसके साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करना चाहिए।
सूर्य देव की पूजा करने से करियर और कारोबार में उन्नति होती है। इसके अलावा भौतिक सुख-सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com