गरुड़ पुराण के अनुसार पृथ्वी पर जन्म लेने वाले हर प्राणी की एक न एक दिन मृत्यु होना स्वाभाविक है। आइए जानते हैं कि मृत्यु के कितने दिन बाद व्यक्ति का दूसरा जन्म होता है?
हिंदू धर्म में मृत्यु के बाद शरीर का अंतिम संस्कार किया जाता है। इसे 16वां संस्कार भी कहा जाता है।
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु के बाद आत्मा को लंबा सफर तय करना पड़ता है। इसे यमलोक में यमराज देवता के सामने प्रस्तुत किया जाता है।
जो व्यक्ति अपने जीवन में धार्मिक कार्य किए रहते हैं। इसके अलावा जो किसी जीव को मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं करते हैं वो आसानी से यमलोक पहुंच जाते हैं।
जो लोग धार्मिक मान्यता के विपरीत काम करते हैं और जीवन गरीब दुखियों को प्रताड़ित करते हैं। उन्हें यम के दूत भी प्रताड़ित करते हुए ले जाते हैं।
मृत व्यक्ति के घर वाले पिंडदान करते हैं इसका आधा हिस्सा आत्मा को मिलता है। जो लोग दुष्ट प्रवृत्ति के होते हैं उन्हें यम के दूत पिंड नहीं देते हैं।
मनुष्य के कर्म के अनुसार ही उसका पुनर्जन्म निर्धारित होता है। अच्छे व्यक्ति वाले लोगों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मनुष्य को कर्मों के आधार पर फल मिलने के बाद उसका पुनर्जन्म होता है। मृत्यु के तीसरे दिन से लेकर 40 दिन के अंदर पुनर्जन्म होता है।
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