बिल्ली को हर किसी ने देखा होगा, यहां घरों या उसके आसपास देखने को मिल जाता है।
अक्सर लोग बिल्ली कोे मौसी कहते हैं, लेकिन लोगों को नहीं पता होता है कि ऐसा क्यों कहा जाता है?
बिल्ली को बुआ, मामी या अन्य नामों से क्यों नहीं बुलाया जाता है, इसका जवाब बड़े-बड़े लोगों को भी नहीं पता होता है।
ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन समय में शेरनी अपने बच्चों को बिल्ली के भेजा करती थी।
बिल्ली शेरनी के बच्चों को शिकार करना सिखाती थी, लेकिन बिल्ली ने उन्हें पेड़ पर चढ़ने की कला नहीं सिखाई थी।
पेड़ पर चढ़ने की कला न सिखाने की वजह से बिल्ली की जान बच गई।
बिल्ली और शेर की प्रजाति एक जैसी होती है, जिस वजह से बिल्ली को शेर की मौसी कहा जाता है।
आज भी बिल्ली को मारना पाप माना जाता है, इसे राहु की सवारी माना जाता है।
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