15 जनवरी की सुबह विमान ने पोखरा हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरी, जिसमें 68 यात्रियों समेत चार क्रू मेंबर सवार थे।
लैंडिंग के महज 10 सेंकड पहले ही विमान क्रैश हो गया और वह सीधा येती नदी की खतरनाक घाटी में जाकर गिरा, जो कि पोखरा हवाई अड्डे पर लैंड करने वाला था।
दुर्घटना स्थल से अब तक 68 शवों को निकाला जा चुका है और बाकी 4 शवों की तलाशी की जा रही है, जिसमें पांच भारतीय भी थे।
नेपाल में औसतन एक साल में एक विमान हादसे का शिकार जरूर होता है, जिसने 2010 के बाद से, लगभग 11 घातक विमान दुर्घटनाओं को देखा है।
आखिरी विमान हादसा पिछले साल 29 मई को हुआ था, जिसमें तारा एयर नामक एक विमान क्रैश हो गया था।
ये विमान हादसा नेपाल के मस्तंग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, जिसमें 22 यात्रियों की मौत हो गई थी।
नेपाल में विमान हादसों का सबसे बड़ा कारण ऊंचे-ऊंचे पहाड़ है।
नेपाल में एक तरफ खाई तो दूसरी तरफ रनवे है। यहीं कारण है लैंडिंग के समय विमान को काफी बैलेंस रखना पड़ता है।
यहां कई ऊंची-ऊंची चोटियों के बीच संकरी घाटियां हैं, जहां कई बार विमानों को मोड़ने में काफी कठिनाई आती है, जिस कारण विमान हादसे का शिकार हो जाते है।
रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल के लुकला के पूर्वोत्तर क्षेत्र में तेनजिंग-हिलेरी हवाईअड्डा, दुनिया का सबसे खतरनाक हवाईअड्डा है।