आषाढ़ का महीना धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। यह महीना जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु जी को समर्पित होता है।
इस महीने की शुरुआत 23 जून से हुई थी और इसका समापन 21 जुलाई को होगा। इस महीने में बेल की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
बेल की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठें और स्नानादि क्रियाओं से निवृत्त होकर मंदिर की सफाई करें। इसके बाद देवी-देवताओं की पूजा करें और फिर बेल की पूजा करें।
बेल पत्र में दूध और जल मिलाकर अर्पित करें। इसके बाद पेड़ पर चंदन का लेप लगाएं। लेप लगाने के बाद कलावा बांधें और घी का दीपक जलाएं।
दीपक जलाने के बाद ऊं नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है और किए गए कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
शिव जी के मंत्र का जाप करने के पश्चात मिठाई और फल का भोग लगाएं। पूजा के बाद आरती का पाठ जरूर करें। इससे पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।
इस महीने में तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से विष्णु जी नाराज होते हैं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
वहीं, इस महीने में दान का विशेष महत्व है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को भोजन और वस्त्रों का दान करना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है औ र सौभाग्य में वृद्धि होती है।
आषाढ़ महीने में बेल की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com