दशहरा हिंदुओं के सबसे महत्वपूर्ण और धार्मिक त्योहारों में से एक है। इस दिन को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए याद करते हैं।
यह त्योहार भगवान राम की रावण पर विजय का प्रतीक है। इस दिन अपराजिता और शमी के पेड़ की पूजा का भी विधान है।
शास्त्रों के अनुसार, अगर इस दिन इन पौधों की पूजा विधि-विधान के साथ की जाए, तो भगवान राम की कृपा सदैव बनी रहती है।
अपराजिता के पौधे पर दूध और जल मिलाकर अर्पित करें। इसके बाद देवी अपराजिता की ईशान कोण में पूजा करें।
सबसे पहले ईशान कोण को साफ करें और गोबर से लिपें। साथ ही उस स्थान को सजाएं। देवी को भोग लगाने के साथ आरती से पूजा का समापन करें।
घर के उत्तर-पूर्व दिशा में शमी के पौधे को लगाना बेहद शुभ माना गया है। अगर इसे दशहरा वाले दिन घर में लगाया जाए, तो इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है।
शमी के पौधे को धन का प्रतीक भी माना गया है। ऐसे में विजयदशमी वाले दिन शमी के पौधे के समक्ष दीपक जलाना चाहिए।
ऐसा करने से भगवान शनि के साथ मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। कोशिश करें विजयदशमी वाले दिन शमी के पेड़ को घर लेकर आएं।
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