लाला के अवैध खदानों के क्षेत्रफल व गहराई की माप
दुर्गापुर-रानीगंज करोड़ों के कोयला तस्करी मामले की जांच में सीबीआइ की जांच लगातार आगे बढ
By JagranEdited By: Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:25 PM (IST)
दुर्गापुर-रानीगंज: करोड़ों के कोयला तस्करी मामले की जांच में सीबीआइ की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। कोयला तस्करी के सरगना अनूप माझी उर्फ लाला के काला साम्राज्य व अवैध खदानों का पूरा ब्योरा जुगाड़ करने में सीबीआइ की टीम लगी हुई है। मंगलवार को सीबीआइ की टीम ने डीआइजी अखिलेश सिंह के नेतृत्व में काजोड़ा क्षेत्र के अवैध खदानों का जायजा लिया। जहां खदान की लंबाई-चौड़ाई एवं गहराई की जांच कर अवैध खदान से निकाले गए कोयला का परिणाम जानने में जुटी रही। जहां सीबीआइ के अलावा ईसीएल के सुरक्षा कर्मी, पुलिस जवान, सीआइएसएफ के अलावा ईसीएल के सर्वे समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
ईसीएल अधिकारियों की टीम ईसीएल की जमीन का मैप भी लेकर पहुंची थी। जहां मैप से भी खदान को मिलाया गया। काजोड़ा क्षेत्र के हरीशपुर के दो अवैध खदानों एवं तालडांगा के एक अवैध खदानों में पानी भरा हुआ था। इसके बावजूद भी विशेषज्ञ अधिकारियों को पानी में उतारकर गहराई की जांच की गई। सीबीआइ की टीम अंडाल, रानीगंज, जामुड़िया व आसनसोल के विभिन्न इलाकों में ऐसे अवैध खदानों का जांच करेगी। ताकि पता चले कि कितने परिमाण में कोयला की तस्करी हुई है। सीबीआइ की ओर से रिपोर्ट तैयार कर उसे कोर्ट में भी दाखिल किया जाएगा। ------------------------ ईसीएल के कई इलाकों में अवैध खदान :
अंडाल के काजोड़ा क्षेत्र, रानीगंज के कनुस्तोरिया, जामुड़िया थाना के केंदा समेत विभिन्न इलाकों से कोयला की तस्करी होती थी। इसका बेताज बादशाह लाला था। इसके गिरोह के लोग बहुत ही आसानी से कोयला का अवैध खनन करवाकर कोयला की तस्करी करते थे। लाला के पूरे कोयला के साम्राज्य का खुलासा सीबीआइ ने किया है। ----------------------------------------------
अब तक सीबीआइ की गिरफ्त में नहीं आया लाला : लाला के खिलाफ सीबीआइ शिकंजा भी कस रही है। लेकिन अब तक वह सीबीआइ की गिरफ्त में नहीं आया है। सीबीआइ कोर्ट से लाला के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है। ंउसके सहयोगियों की भी तलाश टीम कर रही है, लेकिन अब तक उसके सहयोगियों को भी गिरफ्तार करने में सीबीआइ को सफलता नहीं मिली है। पिछले साल नवंबर माह के अंत में लाला के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों ने शिकंजा कसना शुरू किया। इसके बाद से कोयला तस्करी बंद है। लीड का इनसेट : सिघारन नदी के गर्भ से भी निकाल लिया कोयला - सिघारन नदी में जल के बहाव को भी मोड़ दिया कोयला तस्करों ने - सीबीआइ की जांच में चला पता, सभी खदानों में पानी जागरण संवाददाता, दुर्गापुर : कोयला तस्करों ने ईसीएल के विभिन्न इलाकों से कोयला की तस्करी की एवं अवैध खुली खदान बनाकर बड़े ही आसानी से वर्षों से कोयला की तस्करी को अंजाम दिया। जहां से व्यापक पैमाने पर कोयला निकालकर तस्करी की। कोयला तस्करों ने हरीशपुर इलाके से गुजरने वाली सिघारन नदी के गर्भ से भी कोयला निकाल लिया, जो जानकर सीबीआइ अधिकारी भी आश्चर्यचकित हो गए। हरीशपुर होते हुए सिघारन नदी अंडाल होते हुए दामोदर नदी में मिल जाती है। नदी में जल का प्रवाह कम रहता है। जिसका फायदा उठाते हुए तस्करों ने पहले सिघारन नदी के प्रवाह को दूसरी ओर मोड़ दिया। इसके बाद नदी के गर्भ से भी कोयला निकाल लिया। जिसकी गहराई की जांच सीबीआइ ने करवाई। वहीं सभी अवैध खदानों में अब पानी भरा हुआ है, लेकिन हरीशपुर में अवैध खदानों का दृश्य काफी हैरान करने वाला है। जिस तरह ईसीएल की खुली खदान चलती है, उसी तरह कोयला तस्करों ने कई बड़ी-बड़ी खुली खदानों को तैयार कर लिया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।