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90 फीसदी अंक लाकर भी मेधा तालिका में जगह नहीं

संवाद सूत्रबालुरघाट एक समय था यदि किसी छात्र के उच्च माध्यमिक में 90 फीसदी अंक आ जाए तो अपने

By JagranEdited By: Updated: Mon, 22 Aug 2022 06:37 PM (IST)
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90 फीसदी अंक लाकर भी मेधा तालिका में जगह नहीं

संवाद सूत्र,बालुरघाट: एक समय था यदि किसी छात्र के उच्च माध्यमिक में 90 फीसदी अंक आ जाए तो अपने मनपसंद विषय में ऑनर्स लेकर पढ़ाई करता सकता था। लेकिन कोविड के कारण स्थिति बदल गयी है। बालुरघाट कॉलेज में आलम यह है कि 90 फीसदी अंक लाने वाले छात्र का नाम मेधा तालिका में नहीं है। ऐसा एक दो नहीं बल्कि 1500 से ऊपर छात्रों को मेधा तालिका में जगह नहीं मिली है। इसके कारण छात्र अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। मेधा तालिका में नाम न होने किसी तकनीकी गलती के कारण हुआ या इसके पीछे कोई अन्य कारण है। वामपंथी समर्थिक छात्र संगठन पीएसयू का कहना है कि इसके पीछे हमारी शिक्षा व्यवस्था है। हमारी मांग है कि सभी छात्रों का कॉलेज में प्रवेश किया जाए। यदि उन्होंने उच्च माध्यमिक परीक्षा पास किया है, तो उनका दाखिला करवाना कॉलेज प्रशासन की जिम्मेदारी है। ये छात्र अब कहां जाएंगे। इनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। दूसरी ओर कॉलेज प्रशासन ने इस समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय है कि दक्षिण दिनाजपुर जिला में बालुरघाट कॉलेज सबसे बड़ा कॉलेज है। सभी छात्र इसी कॉलेज में दाखिला लेना चाहते हैं। इस कॉलेज में ऑनर्स विषय में 1040 सीटें है। वहीं पास कोर्स के लिए 2115 सीटें है। छात्रों ने इसबार ऑनलाइन आवेदन किया था। कॉलेज में दाखिले के लिए आवेदन 18 जुलाई से शुरू हुआ था जो 5 अगस्त तक चला। इस कॉलेज में इस साल करीब सात हजार से अधिक छात्रों ने दाखिले के लिए आवेदन किया था। शिकायत मिली है कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद भी कई आवेदकों को एसएमएस या ईमेल के जरिए रद्द कर दिए गए। उसके बाद कई छात्रों ने दोबारा आवेदन किया। प्रारंभिक मेरिट लिस्ट में कुछ छात्रों का नाम आया। 16 अगस्त को फाइनल मेरिट लिस्ट जारी किया गया। इसके बाद 1500 छात्रों का नाम नहीं आने से वें काफी चिंतित है। दाखिले के लिए वें अपने अभिभावक को लेकर कॉलेज का चक्कर लगा रहें है।

बालुरघाट तृणमूल छात्र परिषद के अध्यक्ष अमरनाथ घोष ने बताया कि जिन छात्रों का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है। हम उनके साथ है। हम उनके लिए आंदोलन करेंगे। मेरिट लिस्ट में नाम न होने के कारण एक छात्र ने बताया कि मैंने बालुरघाट कॉलेज में ऑनर्स लेकर पढ़ाई करने का सोचा था। इसलिए मैंने राज्य के किसी अन्य कॉलेज में फॉर्म नहीं भरा। बालुरघाट कॉलेज में पढ़ने की इच्छा रखते हुए मैंने कुछ नियमों का पालन करते हुए ऑनलाइन आवेदन किया। मैंने पैसे भी जमा कर दिए। लेकिन मेरा नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है। अब समझ में नहीं आ रहा है कि इस कॉलेज में एडमिशन कैसे लें। मुझे इस बात की चिंता सता रही है कि इस साल कहीं भी मुझे प्रवेश नहीं मिल पाएगा। बालुरघाट कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर प्रशात धर ने कहा कि

कॉलेज के ऑनलाइन पोर्टल में दो विकल्प थे। एक पंजीकरण रद्द और पाठ्यक्रम रद्द। छात्रों ने कोर्स बदलते समय गलती से मोबाइल ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया। जिसके चलते यह समस्या उत्पन्न हुई है।

कॉलेज की ओर से छात्रों से फोन और ईमेल के जरिए दोबारा संपर्क किया जा रहा है। किसी को भी प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा। पीएसयू के जिलाध्यक्ष सुरजीत साहा ने कहा कि हम सभी छात्रों को प्रवेश दिलाने के लिए आंदोलन करेंगे।

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