दो दिनों तक नानी के शव के साथ चिपकी रही दिव्यांग नातिन
संवाद सूत्रबालुरघाट कोलकाता के रॉबिन्सन स्ट्रीट में वर्ष 2015 में 78 साल के मृत पति के साथ उस
संवाद सूत्र,बालुरघाट: कोलकाता के रॉबिन्सन स्ट्रीट में वर्ष 2015 में 78 साल के मृत पति के साथ उसकी पत्नी और बेटी कई दिनों तक रहती थी। शव का दाहसंस्कार न करके डेढ़ माह तक मां-बेटी रखे हुए थे। ऐसी ही एक घटना बालुरघाट के कुमारगंज थाना के मयमनसिंह कालोनी में देखने को मिली। शुक्रवार को नानी के शव के पास उसकी दिव्यांग नातिन को शव के पास देखा गया। पड़ोसियों ने दुर्गध के कारण घर में प्रवेश किया तो देखा कि घर में संध्या झा(72) का शव पड़ा था। पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। इस घटना से हड़कंप मच गया है। शव को पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार को खिदिरपुर श्मशान घाट में दाह संस्कार किया गया। घर को पूरी तरह सैनिटराइज किया गया। इस घटना के विषय में मनोचिकित्सक ने बताया कि मानसिक रूप से बीमार लोग ऐसा करते है।
पड़ोसियों ने बताया कि मृतका संध्या रानी झा के पति का बहुत पहले ही मौत हो गयी थी। वह मंदिर में खाना बनाकर किसी तरह अपने बेटा-बेटी का पालन-पोषण करती थी। बेटा जवान होकर कही काम करने चला गया। उसने फिर मां की कोई सुध नहीं ली। बेटी का विवाह मालदा में किया। कुछ दिन बाद बेटी की भी मौत हो गयी। बेटी की विकलांग पोती रानी चौधरी को वह अपने पास ले आयी और किसी तरह उसका पालन-पोषण करने लगी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से उम्रजनित बीमारी के कारण अस्वस्थ्य रहने लगी थी। उसके पास राशन कार्ड था। लेकिन आधार से लिंक नहीं होने के कारण उसे राशन नहीं मिलता था। वृद्धा किसी तरह लोगों से भीख मांगकर 21 साल की दिव्यांग नातिन की परिवरिश करती थी। जमीन के छोटे टुकड़े पर एक खंडहर से घर में नानी-नातिन रहते थे। गुरुवार को पड़ोसन जब कुछ नाश्ता देने आयी तो उसने संध्या देवी को मृत पाकर पुलिस को सूचित किया। शरीर से तेज बदबू आ रही थी और उनकी नातिन बगल में बैठी थी। उसने भी कुछ दिनों से खाया-पिया नहीं था। पुलिस का अनुमान है कि शव की हालत देखकर लगता है कि दो-तीन दिन पहले ही वृद्धा की मौत हुई होगी। अब नानी के मौत के बाद जवान दिव्यांग नातिन को कौन देखेगा? इसे लेकर चर्चा हो रही है। कारण नानी के अलावा उसका कोई नहीं था।