मृत, फर्जी उपभोक्ताओं की सूची के साथ ग्रामीणों ने प्रशासन का दरवाजा खटखटाया
- मृत व नकली राशन कार्ड की जांच की जिम्मेवारी जिला खाद्य नियामक के पास राशन डील - आधार ि
By JagranEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2022 06:26 PM (IST)
- मृत व नकली राशन कार्ड की जांच की जिम्मेवारी जिला खाद्य नियामक के पास : राशन डील
- आधार लिंक का काम पूरा होने वाला है, पूरे मामले की जांच होगी : जिलाधिकारी संवादसूत्र, बालुरघाट : किसी की मृत्यु 20 साल पहले, किसी की या दस साल पहले हुई थी। लेकिन उस राशन कार्ड में आधार को लिंक कर उन्हें सक्रिय रखा गया है। ऐसे में नकली राशन काडरें का एक समूह सक्रिय है, फिर से एक ही नाम के विभिन्न श्रेणियों के दोहरे कार्ड हैं। कुशमंडी ब्लॉक के तुलसी गाव के निवासियों ने एक स्थानीय राशन डीलर के खिलाफ इस तरह के आरोप लगाकर प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है। सूचना के साथ मृत, फर्जी उपभोक्ताओं की सूची प्रशासन को सौंपी गई है। यह जानकारी मिलने के बाद जिला खाद्य नियामक सकते है। इस तरह के आरोप मिलने के बाद जिलाधिकारी ने भी जाच के आदेश दे दिए है। हालाकि, ग्रामीणों से इस तरह की शिकायतें मिलने के बाद आरोपी राशन डीलर कमल पाल को कोई डर नहीं है। उन्होंने कहा कि अब यह डीलरों पर निर्भर नहीं है कि वे मृत या नकली काडरें को रखें या त्यागें। ये राज्य या जिला कार्यालयों से नियंत्रित हो है। ग्रामीणों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोप सही हैं या नहीं, यह जिले की जाच के बाद ही स्पष्ट होगा। इसके लिए मैं खुद भी जाच की माग कर रहा हूं।
राशन डीलर का यह दावा बहुत निराधार नहीं है, क्योंकि जिले में राशन और आधार के बीच की कड़ी एक साल पहले शुरू हुई है। उस समय, ऐसे लाखों राशन कार्ड आधार से लिंक नहीं होने के कारण निष्क्रिय कर दिए गए थे। दस्तावेज जमा नहीं करने वाले बचे लोगों के नाम भी काट दिए गए हैं। लेकिन कुशमंडी में डीलर के पास 23 मृतक व्यक्तियों के नाम के सक्रिय राशन कार्ड हैं। बिना जिला या प्रखंड खाद्य विभाग के कर्मचारियों के सहयोग के बिना ऐसा करना कैसे संभव है? इसे लेकर सवाल खड़े हो रहे है।
शिकायतकर्ता समीम मसूद हुसैन ने कहा कि मेरे पिता का 2010 में निधन हो गया था। हमने फिर राशन डीलर को कार्ड जमा कर दिया था। उस समय राशन डीलर ने कहा था कि अब से कार्ड डिएक्टिवेट हो जाएगा। लेकिन कुछ दिन पहले मुझे पता चला कि मेरे पिता का कार्ड अभी भी सक्रिय है। इसमें फिर से आधार लिंक हो गया है। राशन और आधार के बीच की कड़ी एक साल पहले शुरू हुई थी। लेकिन जब दस साल पहले पिता की मृत्यु हो गई, तो वह आधार लिंक कैसे हो गया? मैं भी इसकी जाच चाहता हूं। राशन डीलर कमल कुमार पाल ने कहा कि आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। हम मृतक का राशन कार्ड कार्यालय भेजते हैं। उसके बाद उस कार्ड को कार्यालय से निष्क्रिय किए जाते है। इसके अलावा अब उंगलियों के निशान के साथ राशन दिया जाता है। तो मैं वह राशन कैसे उठाऊं? मुझे नहीं पता कि यह झूठी शिकायत कौन कर रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।
दक्षिण दिनाजपुर जिला खाद्य विभाग की मुख्य खाद्य नियंत्रक फुरबा भूटिया ने कहा कि आरोप गंभीर हैं। मृतक के कार्ड निष्क्रिय कर दिए गए हैं। लेकिन उन काडरें की क्या स्थिति है। हर चीज की जाच की जाएगी। दूसरी ओर दक्षिण दिनाजपुर के जिला जिलाधिकारी बिजिन कृष्णा ने कहा कि आधार कार्ड लिंक पर काम पूरा होने वाला है। थोड़ा बचा है। यह जाच जरूरी है कि इसमें कथित कार्ड तो नहीं हैं। लेकिन मृत व्यक्ति या नकली कार्ड नहीं होना चाहिए। घटना की जाच कराई जाएगी।
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