कश्मीर में धारा 370 के बाद सिक्किम में उठा 371एफ का मामला, सरकार के निर्णय से एसआरपी असंतुष्ट
एसआरपी अध्यक्ष केबी राई ने कहा कि भारतीय संविधान की आर्टिकल 371एफ पर बोलते हुए कहा कि सरकार के विभिन्न कार्य शैलियों से पता चलता है कि यह खतरे में है। किसी के नाम लिए बगैर कहा कि आज सिक्किम के बाहर से 371एफ हटाने की मांग उठ रही है।
By Edited By: Updated: Tue, 06 Sep 2022 01:09 PM (IST)
गंगटोक, संवाद सूत्र। हाल ही में सिक्किम सरकार ने उच्च पदस्थ नौकरशाहों (IAS) की पदोन्नति (Promotion) और नये पदों पर नियुक्ति (Appointment) की है। इसमें स्थानीय अधिकारियों को शामिल न करने पर सिक्किम रिपब्लिकन पार्टी (Sikkim Republican Party) ने सरकार के निर्णय प्रति असंतुष्टि व्यक्त की। एसआरपी अध्यक्ष केबी राई ने कहा कि सिक्किम में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) रेशियो में बदलाव आवश्यक है। अगर सिक्किम में स्थानीय एक व्यक्ति को आइएएस नियुक्त किया गया तो उसके बदले में देश के तीन आइएएस नियुक्त होते हैं। इस नियम पर विचार विमर्श करने के लिए केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने सिक्किम सरकार को साल 1996 में पत्राचार किया था। पत्र के मुताबिक उक्त रेशियो को बदला जा सकता है। लेकिन राज्य सरकार ने अब तक इसका जवाब नहीं दिया है। आज राज्य के बाहर के अधिकारी सभी विभाग के प्रमुख हैं। इन उच्च पदों पर स्थानीय अधिकारियों को भी रखने की क्षमता सरकार में होनी चाहिए।
371 एफ खतरे में होने की आशंका जताईदूसरी ओर भारतीय संविधान की आर्टिकल 371एफ पर बोलते हुए कहा कि सरकार के विभिन्न कार्य शैलियों से पता चल रहा है कि 371एफ खतरे में है। किसी के नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि आज सिक्किम के बाहर से 371एफ हटाने की मांग उठ रही है। लेकिन इस संवैधानिक अधिकार के विरुद्ध आवाज उठाने से पहले विरोधियों को याद रखना चाहिए कि सिक्किम को यह कैसे और क्यों मिला। देश के प्रति सिक्किम ने जो किया है वो दूसरे देश के नागरिकों ने सोचा भी नहीं है। 371 एफ अपनी संप्रभुता को गंवाकर पाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि आर्टिकल 371एफ को चुनौती देना देश और संविधान के विरुद्ध है। इस पर पूर्व जस्टिस मेडोन की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि 371 एफ को हटाने की मांग करना भारत देश के विरुद्ध है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि राज्य में राजनीतिक अधिकार में समानता और सहयोग न होने के कारण कई लोग इस आर्टिकल से उदासीन है। लेकिन राज्य के जिम्मेदार संवेदनशील व्यक्तियों को इस पर ध्यान देना चाहिए। केबी राई ने सिक्किम के लेप्चा, भूटिया, नेपाली और पुराने व्यापारियों को एक होकर सिक्किम की अस्तित्व का सुरक्षा करने की अपील की। उन्होंने सिक्किम की सुरक्षा के लिए राज्य में इनर लाइन परमिट की आवश्यकता पर भी जोर दिया
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