Bengal Election 2021: चुनाव में यादवों की उपेक्षा से नाराज हैं दिनेश यादव, अचानक बंगाल पहुंचने पर गंभीर चर्चाएं शुरू
ऑल इंडिया यादव महासभा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में यादव उम्मीदवारों को प्राथमिकता नहीं दिए जाने से काफी नाराज हैं। महासभा के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश यादव के अचानक बंगाल पहुंचने पर राजनैतिक हल्कों में गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई है।
By Vijay KumarEdited By: Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:31 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: ऑल इंडिया यादव महासभा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में यादव उम्मीदवारों को प्राथमिकता नहीं दिए जाने से काफी नाराज हैं। महासभा के राष्ट्रीय महासचिव दिनेश यादव के अचानक बंगाल पहुंचने पर राजनैतिक हल्कों में गंभीर चर्चाएं शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि बंगाल में यादव मतदाता 13 प्रतिशत है जो विधानसभा चुनाव परिणाम को प्रभावित करने में सक्षम है।
राष्ट्रीय महासचिव ने प्रेस को बताया कि यादवों की संख्या के हिसाब से 40 विधायक होने चाहिए किंतु किसी भी राजनैतिक दल ने इस अनुपात से टिकट नहीं दी है। यादव ने बताया कि हमारी प्राथमिकता सभी यादव उम्मीदवारों को जिताने की है।आगे हमारा प्रयास होगा कि जिस भी पार्टी की सरकार बनेगी उस पर मतदाताओं की संख्या के आधार पर बोर्ड व कार्पोरेशन में प्रतिनिधित्व के लिए पूरा दबाव बनायेंगे।बंगाल में बचे हुए शेष चरणों के मतदान के लिए यादव उम्मीदवारों के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्रों के लिए यादव मतदाताओं की रणनीति तैयार हो गई है। राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ स्वपन कुमार घोष, प्रदेश अध्यक्ष यदुनाथ घोष, राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य डॉ सुखदेव घोष की निगरानी में चुनाव गतिविधियों को संचालित किया जायेगा। किस राजनीतिक दल को यादवों का वोट मिले इसको लेकर एक रणनीति तैयार की जाएगी। नेताओं का कहना है कि जो भी पार्टियां यादव उम्मीदवार या प्रतिनिधि को महत्व देंगे उनके साथ यादव महासभा कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ेगी।
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