Bengal Election 2021: तृणमूल कांग्रेस को वोट देने का मतलब बीजेपी को सत्ता में लाना है: सूर्यकांत मिश्रा
Bengal Election 2021 वाममोर्चा और कांग्रेस गठबंधन संयुक्त मोर्चा की ओर से सिलीगुड़ी बाघा जतिन पार्क में सोमवार देर शाम जनसभा को संबोधित करते हुए सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को वोट देने का मतलब है बीजेपी को सत्ता में लाना।
By Vijay KumarEdited By: Updated: Mon, 05 Apr 2021 07:23 PM (IST)
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी: वाममोर्चा और कांग्रेस गठबंधन संयुक्त मोर्चा की ओर से सिलीगुड़ी बाघा जतिन पार्क में सोमवार देर शाम जनसभा को संबोधित करते हुए सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस को वोट देने का मतलब है बीजेपी को सत्ता में लाना। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश महासचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि यह मेरा आरोप नहीं बल्कि खुद तृणमूल नेत्री के दिए जा रहे बयान से यह परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लगातार यह बयान देती आ रही है कि तृणमूल कांग्रेस के बहुत गद्दार
तृणमूल को छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में चले गए हैं जो बचे है वह भी चुनाव जीतने के बाद हो ना हो भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम ले। इतना ही नहीं जिस प्रकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलेआम कहते हैं कि वह आर एस एस ए कोई लड़ाई लेना नहीं चाहती इसका अर्थ है कि वह आर एस एस के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाना चाहती हैं। केंद्र और राज्य सरकार को आरे हाथ लेते हुए कहां के बंगाल चुनाव के लिए बने संयुक्त मोर्चा ना सिर्फ बंगाल में सत्ता में काबिज होगी वल्कि 2024 में केंद्र से भारतीय जनता पार्टी की सत्ता को उखाड़ फेंकेगी।
मुख्यमंत्री के व्हीलचेयर पर बैठकर नंदीग्राम में एक बूथ पर 2 घंटे तक किए गए उनके सारे ड्रामेबाजी को पूरे देश ने देखा है। तृणमूल कांग्रेस बंगाल से विरोधी मुक्त करने का नारा तो देती है परंतु उसमें हिम्मत नहीं की वह भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला कर सके। उन्होंने कहा कि वह एक डॉक्टर है और वह दावे के साथ कह सकते हैं कि वर्तमान परिस्थिति में आधुनिक चिकित्सा ऐसा है कि मुख्यमंत्री के पांव पर लगी चोट के कारण वह 2 दिन से ज्यादा व्हीलचेयर पर नहीं बैठ सकते। हुए शेर से उठना क्यों नहीं चाहते वह तो वही बता सकते हैं। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विरोधी दल नेता अधीर रंजन चौधरी ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के आने के बाद ना तो देश में कोई बदलाव आया और ना ही लोगों के जीवन में ।2014 में जब सरकार सत्ता में आई तो कहा था 85 लाख करोड़ रुपए हम लेकर आएंगे और लोगों को 15- 15 लाख रुपया देंगे। उसके बाद काला धन खत्म करने के लिए नोटबंदी लगाया और कहा कि 50 दिन में लोगों के पास नए नोट होंगे। सदन में यह काला धन नोटबंदी के बाद आने के संबंध में पूछा गया तो जवाब मिला कि 16 सौ करोड़ रूपीस काला धन बरामद हुए हैं। नए नोट की छपाई में खर्च पर पूछे जाने पर कहा कि 22000 करोड रुपए इसमें खर्च हुए हैं। जनता को फैसला करना है कि यह फैसला देश और जनता के हित में था या गलत।
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले जिस प्रकार उग्रवादियों ने कश्मीर में 42 जवानों को मार गिराया ठीक उसी प्रकार की घटना छत्तीसगढ़ में पांच राज्यों के चुनाव के पूर्व जवानों की शहादत के साथ हुआ है। अधीर रंजन चौधरी यहीं नहीं रुके उन्होंने कोरोना मिल लोगों के मृत्यु के लिए भी देश के प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया। लगता है कि देश में अब करो ना भाई अप्पा को विदा करने के बाद ही खत्म होगा। पेट्रोलियम पदार्थ की महंगाई के लिए दोनों सरकार को दोषी बताते हुए कहा कि इन दोनों के टैक्स बोझ के कारण ही आज लोगों को महंगाई डीजल और पेट्रोल रसोई गैस खरीदना पड़ रहा है।
इस मंच से सिलीगुड़ी, डावग्राम फुलवाड़ी, माटी गाड़ा नक्शलवाड़ी तथा फांसी देवा के संयुक्त उम्मीदवार के लिए वोट मांगा गया। इस मंच से अशोक नारायण भट्टाचार्य, जीवेश सरकार, शंकर मालाकार तथा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने भी लोगों को संबोधित किया।
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