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अंतरराष्‍ट्रीय सोना तस्‍करों ने बदला रुट, सिलीगुड़ी में कार के तहखाने से 2.5 करोड़ का सोना जब्त, दो गिरफ्तार

केंद्रीय खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी यूनिट की टीम ने विश्वकर्मा पूजा की रात तकरीबन पांच किलो सोना जब्त किया है। इसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 2.5 करोड़ रुपये आंका गया है। डीआरआइ को सोना तस्‍करी मामले में अहम जानकारी हाथ लगी है।

By Edited By: Updated: Mon, 19 Sep 2022 03:08 PM (IST)
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गुप्त सूचना के आधार पर डीआरआइ की टीम ने की कार्रवाई । सांकेतिक तस्‍वीर।

सिलीगुड़ी, जागरण संवाददाता।  केंद्रीय खुफिया राजस्व निदेशालय (डीआरआइ) की सिलीगुड़ी यूनिट की टीम ने विश्वकर्मा पूजा की रात तकरीबन पांच किलो सोना जब्त किया है। इसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 2.5 करोड़ रुपये आंका गया है। इस मामले में सोना तस्कर गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। उनकी पहचान मृणाल अली मंडल (42 वर्ष) और चिंटू घोष (38 वर्ष) के रूप में हुई है। ये दोनों ही आरोपित दक्षिण दिनाजपुर के निवासी बताए गए हैं। इन दोनों को रविवार को सिलीगुड़ी अदालत में पेश किया गया है। अदालत ने दोनों को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार डीआरआइ की सिलीगुड़ी यूनिट की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दक्षिण दिनाजपुर जिले के भारत-बांग्लादेश सीमांत हिली से रायगंज शहर तक जाल बिछाया। गत शनिवार की रात रायगंज शहर के सिलीगुड़ी मोड़ पर डब्ल्‍यूबी 70 ई 6969 नंबर की एक कार को संदेह के आधार पर रोका। उसकी तलाशी ली। उस कार में बने एक विशेष तहखाने से सोने के 43 बिस्कुट बरामद हुए। कार वालों द्वारा उस सोने के वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाने की स्थिति में डीआरआइ ने कस्टम एक्ट के तहत कार समेत सोना जब्त कर लिया और कार सवार उपरोक्त दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार भी कर लिया।

इनके पास से बरामद 43 सोने के बिस्कुट में प्रत्येक बिस्कुट का वजन 166 ग्राम है। इस प्रकार सभी 43 बिस्कुट का कुल वजन 4.988 किलोग्राम है। इसकी कीमत 2,47,56,442 रुपये आंकी गई है। डीआरआई को संदेह है कि ये दोनों दोनों व्यक्ति ही अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर गिरोह के सदस्य हैं। डीआरआइ इसकी पूरी तफ्तीश में जुट गई है। उल्लेखनीय है कि बीती आठ सिंतबर को भी डीआरआइ की सिलीगुड़ी यूनिट की टीम ने दालखोला टोल प्लाजा पर घात लगा कर एक कार से एक किलो सोना जब्त कर चार तस्करों को गिरफ्तार किया था।

सोने की उस खेप को भी इस खेप की तरह भारत-बांग्लादेश सीमा हिली हो कर ही भारत में भेजे जाने का अनुमान डीआरआइ को है। सूत्रों की मानें तो डीआरआइ व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की मुस्तैदी के कारण अंतरराष्ट्रीय सोना तस्कर गिरोह ने सोना की तस्करी के लिए अब अपना रूट बद लिया है। पहले वे विदेशी सोना भारत-म्यांमार सीमा के रास्ते से भारत में लाते थे। फिर मणिपुर से होकर असम से सिलीगुड़ी चिकेन नेक होते हुए देश के विभिन्न कोनों में सोने की खेप पहुंचाने लगे। अब तस्करों ने चिकेन नेक के बजाए भारत-बांग्लादेश सीमांत हिली का रास्ता चुन लिया है।

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