नियमों की अनदेखी का शिकार हुई कंचनजंघा एक्सप्रेस? रेलवे की जांच में सामने आए ये बड़े कारण
Kanchenjunga Express Train accident रेलवे ने कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है। शुरूआती जांच में रेलवे के विशेषज्ञों ने मान लिया है कि नियमों की अनदेखी की वजह से मालगाड़ी ने एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मारी। रेल संरक्षा आयक्त ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू की और मालगाड़ी की स्पीड पर सवाल उठाए।
शिवानंद पांडेय, सिलीगुड़ी। कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना की जांच शुरू करने के साथ ही रेलवे के विशेषज्ञों ने मान लिया है कि नियमों की अनदेखी की वजह से मालगाड़ी ने एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मारी। सिग्नल खराब होते हैं। खराब सिग्नल को पार करने के लिए अधिकार पत्र दिए जाते हैं। इस मामले में भी ऐसा हुआ, लेकिन मालगाड़ी सतर्कता और धीमी गति के साथ आगे बढ़ने की नियमों का उल्लंघन करते हुए दौड़ी।
ऐसा क्यों हुआ, इसकी जांच की जा रही है। उत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी। मंगलवार को इस दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 10 हो गई। सिलीगुड़ी में इलाज के दौरान एक छह साल की बच्ची की मौत हो गई।अभी भी 38 घायलों का उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा है। रेलवे ने मृतकों के स्वजन तथा घायलों को अनुग्रह राशि का भुगतान कर दिया है। बचाव कार्य थमने के बाद रेलवे ने कड़ी मशक्कत के बाद पूर्वोत्तर के राज्यों को शेष भारत से जोड़ने वाले इस महत्वपूर्ण रेल मार्ग पर आवागमन शुरू करा दिया है।
यात्री ने दर्ज कराया केस
दुर्घटना में घायल मालगाड़ी के अस्सिटेंट लोको पायलट मोनू कुमार से भी पूछताछ शुरू हो गई है। मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार की मौत हो गई है, जबकि मोनू ने सीट के नीचे बैठकर जान बचाई। वे घटना के प्रमुख प्रत्यक्षदर्शी हैं। रेलवे अधिकारियों ने उनसे मंगलवार को पूछताछ की। मोनू दुर्घटना के बाद सदमे हैं। यह नहीं पता चल पाया कि है कि दुर्घटना के कारणों के बारे में उन्होंने क्या कहा ?
इस बीच एक यात्री चैताली मजूमदार ने मालगाड़ी के लोको पायलट और अस्सिटेंट लोको पायलट के खिलाफ न्यू जलपाईगुड़ी जीआरपी थाने में एफआइआर दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि इनके गैर जिम्मेदाराना ढंग से ट्रेन चलाने की वजह से दुर्घटना हुई।
संबंधित लोगों से पूछताछ शुरू
सोमवार को दार्जिलिंग जिले के रांगापानी और चटेर हाट स्टेशन के बीच कंचनजंघा एक्सप्रेस के पिछले हिस्से में मालगाड़ी ने टक्कर मारी थी। मंगलवार की सुबह दुर्घटना की जांच शुरू हुई। उत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग घटनास्थल पर गए फिर न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के पास कार्यालय में रेलवे अधिकारियों, कर्मचारियों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की। गर्ग के साथ कटिहार डिवीजन के डीआरएम सुरेंद्र कुमार समेत अन्य वरिष्ठ भी थे।
गर्ग ने कहा कि स्वचालित सिग्नल प्रणाली में खराबी आती है। ऐसी स्थिति में ट्रेन को आगे बढ़ने के लिए लोको पायलट को अधिकार पत्र दिया जाता है, लेकिन उसके नियमों का पालन करना होता है। इसके बाद भी मालगाड़ी इतनी स्पीड में कैसे चली, इस मामले में क्या गलती हुई है, उसी का जांच की जा रही है। सारे संबंधित रिकार्ड और अधिकार पत्र सील कर दिए गए हैं। सभी संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद जवाबदेही और जिम्मेदारी तय की जा सकती है।
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