किसान सम्मान निधि योजना का रुपया हजम
-खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी के कई किसान हुए शिकार -आधार नंबर चोरी कर हुआ पूरा फर्जीव
By JagranEdited By: Updated: Mon, 17 May 2021 10:00 PM (IST)
-खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी के कई किसान हुए शिकार
-आधार नंबर चोरी कर हुआ पूरा फर्जीवाड़ा -कई दूसरे राज्यों में निकाल लिए गए पैसे एक्सक्लूसिव मोहन झा, सिलीगुड़ी : सिलीगुड़ी के किसानों के नाम पर आवंटित किसान सम्मान निधि योजना के तहत खाते में जमा रुपये गायब हो रहे हैं। फर्जीवाड़ा कर कई किसानों के बैंक खाते से पैसे निकाल लिए गए हैं। यह मामला सामने आते ही सिलीगुड़ी महकमा के कृषि प्रधान खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी इलाके मे खलबली मची हुई है। इस मामले में किसानों का आधार नंबर चोरी कर सरकारी योजना का रुपया डकारने वाला गिरोह सक्रिय है। बैंक खाते से ये पैसे दूसरे राज्यों में निकाले जा रहे हैं। चुनाव समाप्त होते ही वादे के मुताबिक केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के सात लाख किसानों को किसान सम्मान निधि योजना की पहली किश्त जारी कर दी है। बीते शुक्रवार को ही पहली किश्त के दो हजार रुपये किसानों के बैंक खाते में जमा हो गए। लेकिन सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी के कई किसानों के बैंक खाते में योजना का रुपया नहीं आने से शोर-गुल शुरु हुई। पता लगाने पर वंचित हुए किसानों को मालूम हुआ कि उनके नाम का रुपया कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में स्थित बैंक से निकाला जा चुका है। महंगाई के इस दौर मे कहने को तो मात्र दो हजार रुपया है, लेकिन एक किसान परिवार के लिए दो हजार रुपये की रकम काफी अहमीयत रखती है। किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन करने के बाद भी योजना से वंचित हुए किसानों ने जब छनबीन शुरु की तो पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया है। खोरीबाड़ी और नक्सलबाड़ी के वंचित किसानों से मिली जानकारी के अनुसार उनके आधार नंबर चोरी कर केंद्रीय किसान सम्मान निधि योजना के आवेदन पोर्टल मे किसानों का पता-ठिकाना समेत मोबाइल नंबर और बैंक खाता संख्या बदल दिया गया। जिसकी वजह से सरकारी योजना का रुपया किसानों के खाते मे आने के बजाए फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह के सदस्यो के खाते मे पहुंच गया। रुपया पहुंचते ही खाते से रुपया निकाला भी जा चुका है। किस तरह से हुआ पूरा खेल
प्रशासनिक सूत्रों कि माने तो इस फर्जीवाड़े के लिए गिरोह ने काफी मेहनत किया है। पहले किसानों का आधार नंबर चुरा कर आधार कार्ड में दर्ज पिता-पति का नाम, पता-ठिकाना और मोबाइल नंबर बदला गया। सिर्फ लाभार्थी किसान का नाम ज्यों का त्यों रखा। फिर फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल कर बैंक में खाता खोला गया। इसके बाद किसान सम्मान निधि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदन किया। और योजना का रुपया बैंक खाते मे आते ही उड़ा लिया गया। फर्जीवाड़े से ब्लॉक प्रशासन भी वाकिफ हैं, लेकिन कारण से अनभिज्ञ हैं। सिलीगुड़ी महकमा के खोरीबाड़ी प्रखंड अंतर्गत बुड़ागंज ग्राम पंचायत के बकराभीटा-कलियाडागा इलाके के किसान हाफिजुल अंसारी ने बताया कि करीब एक महीना पहले किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने लिए वे आवेदन करने प्रखंड कृषि कार्यालय पहुंचे। आवेदन के लिए आधार नंबर शामिल करते ही वे दंग रह गए। उनके आधार नंबर से कर्नाटक से किसी अन्य ने पहले से ही आवेदन कर रखा है। फिर भी वे अपना आधार कार्ड समेत सभी दस्तावेज इस उम्मीद में जमा करा आए कि भूल सुधार कर उन्हें भी किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिलेगा। एक किसान का कर्नाटक में निकला पैसा बीते शुक्रवार को उन्हे मालूम हुआ कि योजना की पहली किश्त किसानों के बैंक खाते र्म जमा करा दी गई है। इसके बाद उन्होने बैंक जाकर छानबीन की तो मालूम हुआ कि योजना का रुपया उनके खाते मे नहीं पहुंचा। इसके बाद वे फिर से प्रखंड कृषि कार्यालय पहुंचे तो उन्हे पता चला कि कर्नाटक के एक बैंक से उनके नाम व आधार नंबर के जरिये योजना का रुपया निकाल लिया गया है। ऐसी ही घटना सरतुल अंसारी, एकरामूल अंसारी और हसीना अंसारी के साथ भी घटी है। इनके आधार नंबर का इस्तेमाल कर महाराष्ट्र और राजस्थान में किसी ने योजना का रुपया डकार लिया है।
आला अधिकारी भी आश्चर्यचकित किसानों का आधार कार्ड चुराकर किसान सम्मान निधि योजना का रुपया निकालने वाले गिरोह का नेटवर्क काफी दुरुस्त माना जा रहा है। प्रखंड सहायक कृषि विकास अधिकारी ठाकुर चंद्र कार्जी ने बताया कि ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं। लेकिन यहां के किसान का आधार नंबर दूसरे राज्य के लुटेरों के पास तक कैसे पहुंचा, यह समझ के बाहर है। इस मामले की गहनता से जाच आवश्यक है। खोरीबाड़ी प्रखंड के बीडीओ निरंजन बर्मन ने बताया कि इस तरह का फर्जीवाड़ा कैसे हुआ, यह उनकी सोच से भी परे है। उनके अधिकार क्षेत्र मे होने पर वे मामले की जाच करेंगे।
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