अगले एक महीने तक किसी भी ट्रेन में टिकट नहीं
-होली पर घर जाने वाले हो रहे हैं परेशान -सैन्य बलों के जवानों को भी कोई राहत नह
-होली पर घर जाने वाले हो रहे हैं परेशान
-सैन्य बलों के जवानों को भी कोई राहत नहीं
-मौका देख बस वालों ने किराए में की भारी बढ़ोत्तरी बड़ी परेशानी
-बिहार व उत्तर प्रदेश जाने वाली सभी ट्रेनों मे 31 मार्च तक तक सभी सीटे बुक हो चुकी हैं
-अधिक भाड़ा देकर बिहार व उत्तर प्रदेश के लोग बसों से जाने के लिए हो रहे हैं विवश जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कोरोना वायरस महामारी के दौर में पिछले एक वर्ष से नियमित ट्रेनों का परिचालन बंद है। स्पेशल ट्रेन के नाम पर कुछ यात्री ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। उसमें भी टिकट को लेकर मारा-मारी चल रही है। इस महीने 28 व 29 मार्च को होली का पर्व है। त्योहार के समय हर कोई अपने घर अपनों के बीच जाना चाहता है। जो लोग रोजी-रोटी की जुगाड़ में अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर सिलीगुड़ी व पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में रह रहे हैं अथवा सेना, वायुसेना व अर्धसैनिक बल में काफी संख्या में लोग इन क्षेत्रों में तैनात हैं। वे त्योहारी सीजन में घर जाने की तैयारी करने लगे हैं। ऐसे में उनके समक्ष सबसे बड़ी समस्या ट्रेनों में सीट रिजर्वेशन को लेकर है। उनकी प्रस्तावित यात्रा में नियमित ट्रेनों का परिचालन नहीं होना तथा विशेष ट्रेनों में टिकट नहीं मिलना बाधक बन रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पूरे मार्च तक किसी भी ट्रेन में सीट खाली नहीं है। लोग मजबूरी में इस उम्मीद के साथ वेटिंग लिस्ट का टिकट ले रहे हैं कि हो सकता है टिकट कंफर्म हो जाए। एनएफ रेलवे के आधिकारिक सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार डिब्रूगढ़ व गुवाहाटी-एनजेपी पटना पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के रास्ते दिल्ली व अन्य जगहों की तरफ जाने वाली किसी भी ट्रेन में सीट उपलब्ध नहीं है। बताया गया कि एनजेपी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन होते हुए दिल्ली व अन्य जगहों को जाने वाली रूट पर डेली, सप्ताहिक व द्विसप्ताहिक तौर पर कुल नौ जोड़ी ट्रेनें अलग-अलग दिनों में चलती हैं। जबकि एनजेपी, बरौनी, छपरा गोरखपुर होते हुए तथा छपरा, बलिया व गाजीपुर होते हुए कुल आठ जोड़ी ट्रेनें चलती हैं। मिली जानकारी के अनुसार एनजेपी से दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट, ब्रह्मपुत्र मेल, अवध-असम एक्सप्रेस में 31 मार्च से पहले यात्रा करने के लिए वेटिंग टिकट लेना पड़ रहा है।
वहीं ट्रेनों में टिकट नहीं मिलने से लोगों को बसों का सहारा लेना पड़ रहा है। यात्रियों को कहना है कि सिलीगुड़ी से पटना, छपरा, बलिया, गोरखपुर समेत अन्य जगहों तक जाने के लिए ट्रेनों की अपेक्षा चार-पांच गुना ज्यादा भाड़ा देकर यात्रा करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि बस वालों पर प्रशासन की कोई नजर नहीं है। इप पर सख्ती करनी चाहिए। यात्रियों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यकता अनुसार ट्रेनों का परिचालन शुरू किया जा रहा है। त्योहारी सीजन में यात्रियों को दिक्कत ना हो इसके लिए रेलवे द्वारा नियमित अंतराल पर ट्रेन सेवा शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि अगले दिनों में कुछ और ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा।
-शुभानन चंदा,सीपीआरओ,सिलीगुड़ी
पिछले साल 24 मार्च से ही ट्रेन सेवा ठप
उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस की महामारी शुरू होने के बाद पिछले वर्ष 24 मार्च से पूरे देश में ट्रेनों का परिचालन ठप कर दिया गया है। हालाकि विभिन्न राज्यों में फंसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए पिछले वर्ष ही एक मई से श्रमिक की स्पेशल ट्रेन चालू की गई थी, जबकि 12 जून से नियमित अंतराल पर कुछ पैसेंजर स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया था, जो फिलहाल जारी है।