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अनावश्यक यात्रा ना करें,इसलिए किराया ज्यादा

-लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे ने जारी किया स्पष्टीकरणशुरू की जा रही है अधिक से

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 06:35 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 06:35 AM (IST)
अनावश्यक यात्रा ना करें,इसलिए किराया ज्यादा

-लगातार मिल रही शिकायतों के बाद रेलवे ने जारी किया स्पष्टीकरण,शुरू की जा रही है अधिक से अधिक ट्रेन चलाने की प्रक्रिया

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : कम दूरी की यात्रा के लिए ज्यादा किराया लिए जाने की शिकायतों के बाद रेलवे ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है। एनएफ रेलवे ने बताया है कि थोड़ा अधिक किराया लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने के लिए शुरू किया गया था। यह किराया समान दूरी के लिए मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों के अनारक्षित मूल्य पर तय किया जाता है।

सीपीआरओ शुभानन चंदा ने बताया कि कोविड का प्रकोप अब भी मौजूद है। वास्तव में कुछ राज्यों में कोविड की स्थिति और अधिक बिगड़ रही है। कई राज्यों के आगंतुकों को अन्य क्षेत्रों में प्रवेश करने पर स्क्रीनिंग के लिए भेजा जा रहा है और यात्रा के लिए हतोत्साहित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि अधिक किराए को रेलगाड़ियों में भीड़ कम करने और कोविड को फैलने से रोकने के लिए रेलवे की सक्रियता के रूप में में देखा जाना चाहिये।

यहां पर यह उल्लेख किया जाना जरूरी है कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के उपाय के रूप में भारतीय रेलवे को 22 मार्च 2020 को कोविड से संबंधित राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण नियमित रेलगाड़ियों को चलाना बंद करना पड़ा था।

भारतीय रेलवे चरणबद्ध रूप से यात्री रेलगाड़ियों की संख्या में लगातार वृद्धि कर रही है। कोविड के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन से पहले के समय की तुलना में लगभग 65 प्रतिशत मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों और 90 प्रतिशत से अधिक उपनगरीय सेवाओं का परिचालन किया है।

कुल 1250 मेल / एक्सप्रेस, 5350 उपनगरीय रेल सेवाएं और 326 से अधिक यात्री रेलगाड़ियों का वर्तमान में दैनिक औसत आधार पर परिचालन किया जा रहा है।

वर्तमान में चलने वाली कम दूरी की यात्री रेलगाड़िया कुल रेलगाड़ियों के 3 प्रतिशत से भी कम हैं। इस तरह की और रेलगाड़ियों को राज्य सरकारों के परामर्श से चलाने की योजना है। इस तरह की कम दूरी की रेलगाड़ियों में सभी संबंधित पक्षों के बीच विचार विमर्श और सहमति की आवश्यकता होती है।मौजूदा कोविड के स्थिति को ध्यान में रखते हुए, मेल / एक्सप्रेस रेलगाड़ियों की शुरुआत के बाद, रेलवे सभी आवश्यक सावधानी बरतते हुए और अतिरिक्त प्रयास कर के आने वाले दिनो में धीरे-धीरे यात्री रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू कर रही है।

रेलवे ने जो मुख्य बातें कही

1.सामान्य परिचालन शुरू करने से पहले राज्यों की स्वास्थ्य स्थिति, और राज्य सरकारों के विचार, आदि को में ध्यान में रखा जाने की आवश्यकता है।

2.यह ध्यान देने योग्य है कि यात्री परिचालन को हमेशा रेलवे द्वारा सब्सिडी दी गई है। आम तौर पर, रेलवे एक यात्री द्वारा हर यात्रा पर नुकसान उठाना पड़ता है।

3.रेलवे ज्यादातर कोविड के चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के समय में रेलगाड़ियों को चला रहा है। कई रेलगाड़ियों को लोगों के लाभ के लिए कम यात्रियों के बावजूद चलाया जा रहा है।

4.यही नहीं, रेलवे ने रेलगाड़ियों में सबसे कम किराया वाली रेलगाड़ियों में यात्रा करने वालों के बारे में विशेष ध्यान रखा है ताकि कोविड के समय में भी वे कम से कम आíथक भार उठाएं। 5.अन्य सभी वर्गो के अलावा जो रेलगाड़िया चलाई जा रही हैं, उन सभी रेलगाड़ियों में बड़ी संख्या में बैठने वाले द्वितीय श्रेणी के कोच हैं, जिनका आरक्षित वर्ग में सबसे कम किराया है। 6.यात्रियों में से 40 प्रतिशत ने कोविड स्थिति से पूर्व की तुलना में बहुत बेहतर स्थितियों में बैठने वाले द्वितीय अनारक्षित श्रेणी में यात्रा की है।

7.स्टेशनों और रेलगाड़ियों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए, कोविड से पहले के समय की तुलना में यात्री रेलगाड़ियों का किराया थोड़ा अधिक लिया जा रहा है और इसके संरक्षण पर कड़ी नजर रखी जा रही है। कोविड के समय के दौरान आवश्यक प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने के लिए स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है।


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