सुरक्षित आवाजाही के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग
रेल सुरक्षा -नियमित रूप से हो रही है रेल पटरियों की जांच -पूसी रेलवे क्षेत्र में भी यूएसएफडी
रेल सुरक्षा
-नियमित रूप से हो रही है रेल पटरियों की जांच
-पूसी रेलवे क्षेत्र में भी यूएसएफडी मशीन का उपयोग जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी :
ट्रेनों के सुरक्षित आवागमन के लिए रेल की पटरी अत्यंत ही महत्वपूर्ण पहलु है। ट्रेनों के आवागमन के कारण रेल पटरियों का खराब होना स्वाभाविक है तथा रेल पटरी के अंशों का नवीकरण अपरिहार्य है। अतएव, रेल की पटरियों का समुचित रखरखाव अत्यंत महत्वपूर्ण है। पूर्वोत्तर सीमा रेल विभिन्न प्रकार के परिकल्पित रेल पटरी नवीकरण कार्यो के जरिए अपेक्षित ध्यान देते हुए रेल की पटरियों को दुरुस्त रखने के लिए प्रयासरत है।
इस संबंध में, ट्रेनों के सुरक्षित तथा सुगम परिचालन के लिए इस वर्ष अप्रैल, 2020 से फरवरी, 2021 के दौरान रेल की पटरियों में 292508 घन मीटर बैलास्ट का संयोजन, 198.64 किमी परिपूर्ण रेल नवीकरण के साथ 128.67 सीटीआर इकाइयों की रेल पटरी का नवीकरण, टर्नआउट नवीकरण का 110 समतुल्य सेट, 58.71 किमी में स्लीपरों का बदलाव, 159.15 किमी समतल रेल पटरी में बैलास्ट की डीप स्क्रीनिंग, 249.71 किमी में ट्रैक फीटिंग नवीकरण का कार्य निष्पादित किया गया है।
उक्त आशय की जानकारी देते हुए पूसी रेलवे के सीपीआरओ शुभानन चंदा ने बताया कि रेल की पटरी की दशा पर निगरानी रखने तथा रेल की दरार को रोकने के लिए रेल की पटरियों पर यूएसएफडी (अल्ट्रासोनिक फ्लो डिटेक्शन) जाच की जा रही है। अप्रैल 2020 से फरवरी, 2021 के दौरान 13750 किमी के लक्ष्य की तुलना में 15805 किमी रेल की पटरी पर यूएसएफडी जाच सम्पन्न किया गया। रेल ज्वाइंटों को और भी सुरक्षित बनाए रखने के लिए पू. सी. रेल ने इस अवधि के दौरान रेल की पटरियों पर 63.23 किमी में रेल ज्वाइंट की फ्लैश बट वेल्डिंग, जो की वेल्डिंग का श्रेष्ठ विधि है, भी सम्पन्न किया।
यह उल्लेखनीय है कि पूसी रेल अपने क्षेत्राधिकार में ट्रेनों की सुरक्षित तथा सुगम आवाजाही के लिए बैलास्ट की स्क्रीनिंग, ट्रैक स्लीपर के बदलाव तथा ट्रैक की टेम्पिंग इत्यादि के लिए विभिन्न प्रकार की ट्रैक मशीनों का भी प्रयोग कर रही है। इस वर्ष के दौरान ट्रैक मशीनों के जरिए 6792.71 किमी ट्रैक टेम्पिंग, 4118 प्वाइंट एवं क्रॉसिंगों के नीचे बैलास्ट टेम्पिंग का कार्य सम्पन्न किया गया है।
इसके अलावा एनएफ रेल ने अपनी रेल की पटरियों से 17 स्थाई गति प्रतिबंधक (पीएसआर) को हटाया /शिथिल किया है, जिसके परिणाम स्वरूप संबंधित अनुभागों में सभी ट्रेनों के परिचालन के समय में कटौती हुई है। इस वर्ष के दौरान 135 पुलों का भी पुनरुद्धार किया गया है।
रेल की पटरी के सुरक्षित रखरखाव पर ज्यादा बल देने के कारण वíधत गति के साथ ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन संभव हो पाया है।