मवेशी तस्करी: मवेशियों को केले के थम के साथ बांधकर गंगा के जरिये सीमा पार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मवेशी तस्करी के आरोप में तीन बांग्लादेशी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही 261 गायों को तस्करी से बचा लिया।
By Preeti jhaEdited By: Updated: Thu, 18 Jul 2019 02:00 PM (IST)
मालदा, जेएनएन। बाढ के कारण पश्चिम बंगाल अधिकतर जगह नदियाेें का पानी बढा हुआ है। गंगा नदी अभी उफान पर है, इसका फायदा मवेशी तस्कर उठाने में जुटे हैं। मालदा, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना से मवेशियों को केले के थम के साथ बांधकर गंगा के जरिये सीमा पार बांग्लादेश पहुंचाया जा रहा है। इसके खिलाफ अभियान चलाते हुए बीएसएफ ने मंगलवार रात से बुधवार सुबह तक गंगा से 261 मवेशियों को बरामद किया।इस दौरान मुर्शिदाबाद के सूती थाना अंतर्गत नीमतीता इलाके से तीन बांग्लादेशी तस्करों को भी गिरफ्तार किया गया।
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने मंगलवार की रात से बुधवार की सुबह तक मवेशी तस्करी के आरोप में तीन बांग्लादेशी तस्करों को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही 261 गायों को तस्करी से बचा लिया। गायों को मालदा के मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना होकर बांग्लादेश ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार तस्करों की पहचान बांग्लादेश के राजसाही जिला के नगारपाड़ा निवासी जाहिदुर इस्लाम, चांपाई नवाबगंज जिला के गोमस्तापुर थाना के आदा बड़ों दांद ग्राम निवासी मोहम्मद रॉकी और राजसाही जिला के डालडा हिग्राम इलाके का डालिम रेजा के रूप में हुई है।
जानकारी के मुताबिक बीएसएफ की कार्रवाई में मंगलवार देर रात वैष्णव नगर थाना के शोभापुर व मुर्शिदबाद जिला के सुति थाना के नीम तीता इलाके से गायों को बरामद किया गया। साथ ही 24 परगना जिला के सीमा क्षेत्र से बड़ी संख्या में गायों को तस्करी से बचाया गया। बीएसएफ सूत्रों के अनुसार इलाके में मुरतुजा शेख की सहायता से गायों की तस्करी की जाती है। दरअसल, इस इलाके में गंगा नदी के रास्ते केले की थंभ से बांधकर नदी से गायों को पार कराया जाता है।
बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटीयर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एसएस गुलेरिया ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि तस्करों को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है। गौरतलब है कि ‘मवेशी तस्कर’ स्तंभ के तहत दैनिक जागरण सीमा क्षेत्र में होने वाली मवेशी तस्करी को लेकर लगातार खबरें छाप रहा है। सीमा क्षेत्र में गायों की तस्करी मुख्य रूप से नदी मार्ग से की जाती है। हालांकि, बीएसएफ की कड़ी निगरानी का असर साफ साफ दिख रहा है।
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