चिटफंड कंपनी के एजेंट ने की खुदकुशी
संवाद सूत्र, धुपगुड़ी : जमाकर्ताओं की भारी भरकम रकम वापस नहीं कर पाने में असमर्थ एक चिटफंड कंपनी के ए
संवाद सूत्र, धुपगुड़ी : जमाकर्ताओं की भारी भरकम रकम वापस नहीं कर पाने में असमर्थ एक चिटफंड कंपनी के एजेंट गोपाल मालो दास ने खुदकुशी कर ली। यह घटना धुपगुड़ी प्रखंड अंतर्गत बारोघरिया ग्राम पंचायत के भेमिटिया गांव में घटी है जिसके बाद इस गांव में शोक की लहर है। जानकारी अनुसार गोपाल ने कंपनी के लिए बाजार से आठ लाख रुपए जुटाए थे। लेकिन सारधा कांड के बाद आइकोर नामक यह चिटफंड कंपनी भी बंद हो गई। उसके बाद से ही जमाकर्ताओं ने गोपाल पर उनकी रकम वापस करने का दबाव बनाना शुरु किया। दबाव में आकर गोपाल ने निर्णय लिया कि वह केरल जाकर काम करेगा और वहां से रुपए कमाकर धीरे धीरे निवेशकों के रुपए लौटा देगा। वह केरल गया भी लेकिन जो वेतन उसे वहां मिलता था उससे उसके परिवार का ही मुश्किल से गुजारा होता था। जमाकर्ताओं के रुपए वह कहां से लौटाता। उसने वहीं से कहा कि वह आत्महत्या की सोच रहा है क्योंकि वह रुपए नहीं लौटा सकेगा। किसी तरह परिवार के लोगों ने उसे घर बुलवा लिया। गोपाल के घर लौटते ही निवेशकों ने उस पर फिर से रुपए के लिए दबाव बनाना शुरु किया। इससे तंग आकर उसने बाजार से कीटनाशक खरीदकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता और पेशे से किसान केयानंद मालोदास ने बताया कि वह ज्येष्ठ पुत्र था और जब उसने आत्महत्या की उस समय घर पर कोई अन्य सदस्य नहीं थे। उसकी मां ने बताया कि उसने एक रोज पहले ही उनसे बीस रुपए मांगे थे। लेकिन उनके पास रुपए नहीं थे। फिर उसने बहन से बीस रुपए लिए। उसने उसी रुपए से कीटनाशक खरीदकर उससे आत्महत्या कर ली। गोपाल के पिता का आरोप है कि चिटफंड कंपनी से जुड़ने का ही नतीजा था कि उसकी मौत हो गई। उसने दबाव के चलते आत्महत्या की है। वहीं, पुलिस सूत्र ने बताया कि इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।