केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी
दालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व कूचबिहार से भाजपा सासद निशिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पुलिस को निर्देशित किया है कि सात दिसंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री समेत अन्य आरोपितों को एसीएम तृतीय की अदालत के समक्ष पेश किया जाए।
By Edited By: Updated: Tue, 15 Nov 2022 07:39 PM (IST)
जागरण संवाददाता, जलपाईगुड़ी: वर्ष 2009 में अलीपुरद्वार शहर में दो स्वर्णाभूषण की दुकान से चोरी हुई थी इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई थी। उक्त मामले में सुनवाई अलीपुरद्वार की एसीएम तृतीय में चल रही थी। जहां से मंगलवार को अदालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री व कूचबिहार से भाजपा सासद निशिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए पुलिस को निर्देशित किया है कि सात दिसंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री समेत अन्य आरोपितों को एसीएम तृतीय की अदालत के समक्ष पेश किया जाए। वैसे गिरफ्तारी से बचने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री की ओर से जमानत याचिका दाखिल की थी।
TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने बोला हमला, सुवेंदु अधिकारी की मानसिक हालत को बताया अस्थिरमंगलवार को उसी मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय राज्यमंत्री की ओर से कोई पैरोकार अधिवक्ता मौजूद न होने पर अदालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। यह जानकारी सरकारी अधिवक्ता अधिवक्ता प्रशात नारायण मजूमदार ने दी। उन्होंने बताया कि अदालत ने वर्ष 2009 के मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशिथ प्रमाणिक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इसके बाद उक्त मामला बारासात कोर्ट में चला गया था।
जहां से पुन: उक्त केस अलीपुरद्वार अदालत में पहुंच गया। यहां गिरफ्तारी से बचने के लिए 11 नवंबर को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने अलीपुरद्वार एसीएम तृतीय की अदालत में जमानत याचिका दायर की थी लेकिन जमानत याचिका सुनवाई के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ जिसे अदालत ने गंभीर मानते हुए निशिथ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। सात दिसंबर को निष्पादन की वापसी का उल्लेख किया। निशिथ के खिलाफ वर्ष 2009 में अलीपुरद्वार थाने में शहर की दो सोने की दुकानों से चोरी करने की लिखित शिकायत दर्ज हुई थी। निशिथ प्रमाणिक वर्ष 2019 में कूचबिहार से सासद चुने गए इसके बाद मामला बारासात एमपी कोर्ट में स्थानान्तरित कर दिया गया।
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