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West Bengal News: मां के शव को चादर में लपेटा और कंधे पर ले गया बेटा, एंबुलेंस के ज्यादा किराए ने किया मजबूर

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में एक युवक अपनी मां के शव को कंधे पर लादकर घर ले जाने को मजबूर हो गया क्योंकि एंबुलेंस ने उससे काफी ज्यादा किराया मांग लिया था। लेकिन बाद में समाजिक संगठन ने उनकी मदद की थी।

By Jagran NewsEdited By: Shalini KumariUpdated: Fri, 06 Jan 2023 12:15 PM (IST)
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मां के शव को कंधे पर लादकर ले गया बेटा।
जलपाईगुड़ी, पीटीआई। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी से एक हैरान करने वाला मामल सामने आया है। दरअसल, यहां पर एक युवक एंबुलेंस संचालकों द्वारा मांगी गई राशि का भुगतान करने में असमर्थ हो गया था। इसकी वजह से उसे अपनी मां के शव को कंधे पर उठाकर सरकारी अस्पताल से 40 किमी दूर अपने घर जाना पड़ा। हालांकि, इसके बाद एक समाजिक सेवा संगठन ने उस व्यक्ति की मदद करते हुए मुफ्त में उसे एक गाड़ी मुहैया कराया जिसमें पीड़ित युवक अपनी मां के शव को घर ले गया।

एंबुलेंस ने की थी काफी ज्यादा पैसों की मांग

पीड़ित राम प्रसाद दीवान ने कहा कि उनकी 72 वर्षीय मां को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद उन्होंने अपनी मां को जलपाईगुड़ी के मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन स्थिति गंभीर होने के कारण उनकी मां की अगले दिन ही मौत हो गई। इसके बाद पीड़ित दीवान ने कहा, "जिस एंबुलेंस ने मेरी मां को घर से अस्पताल लाने के 900 रुपये लिए थे, वहीं एंबुलेंस मेरी मां के शव को घर ले जाने के 3000 रुपये मांग रहा था जो हम नहीं दे सकते थे। इसलिए उन्होंने अपनी मां के शव को चादर में लपेटा और अपने कंधे पर रखकर घर की ओर चलने लगे। उन्होंने बताया कि उनके साथ बुजुर्ग पिता भी थे।

"लोगों को देंगे सेवा की जानकारी"

अस्पताल के अधीक्षक कल्याण खान ने इस घटना को 'बेहद दुर्भाग्यपूर्ण' बताया और कहा, "अगर हमें पता होता तो हम उनके लिए शववाहन की व्यवस्था जरूर करते। हम हमेशा जरूरत पड़ने पर लोगों को शववाहन मुहैया कराते हैं। शायद पीड़ित परिवार को इसकी जानकारी नहीं थी इसलिए उन्होंने हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया था। हम कोशिश करेंगे कि सभी लोगों को इस सेवा के बारे में बता सकें।"

एंबुलेंस संघ पर लगाया आरोप

जिस समाजिक संगठन ने दीवान की मदद की थी उसके एक पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि एंबुलेंस संचालक उन लोगों को अस्पताल के आसपास भी नहीं जाने देते हैं जो मुफ्त सेवा देते हैं। समाजिक संगठन द्वारा लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए, जिला एम्बुलेंस संघ ने दावा किया कि उनके सदस्य ट्रेन और सड़क दुर्घटनाओं के दौरान हुए पीड़ित लोगों को भी मुफ्त सेवा प्रदान करते हैं।

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