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1940 के पैडल स्‍टीमर नए अवतार में एक बार फिर हुगली नदी में आएगा नजर

इस जहाज के नवीनीकरण एवं संचालन में शामिल निजी कंपनी बंदरगाह अधिकारियों को 50000 रुपये की ‘रायल्टी’ का भुगतान करेगी और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि 80 साल पुराने जहाज का नवीनीकरण तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 12:45 PM (IST)
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1940 का पैडल स्टीमर पीएस भोपाल जल्द ही हुगली नदी में एक बार फिर नजर आएगा। सांकेतिक तस्‍वीर।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पैडल स्टीमर 'पीएस भोपाल' जल्द ही हुगली नदी में एक बार फिर नजर आ सकता है। इसे  ब्रिटेन के डंबर्टन पोत कारखाने (शिपयार्ड) में 1940 में बनाया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि महानगर के पास एक निजी यार्ड में 62.6 मीटर लंबे और 2.4 मीटर चौड़े जहाज को नया रूप देने के लिए उस पर काम किया जा रहा है।

विरासत यात्रा के लिए किया जाएगा इस्‍तेमाल

कोलकाता के श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंदरगाह के अध्यक्ष विनीत कुमार ने कहा क‍ि जहाज के नवीनीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है और इसके जल्द ही हुगली नदी पर लौटने की उम्मीद है। शायद अगले कुछ महीनों में...। स्टीमर का संचालन शुरू होने से हमारे ‘विरासत यात्रा कार्यक्रम’ को गति मिलेगी क्योंकि नए ‘पीएस भोपाल’ में बाकी जहाजों (ऐसी यात्राओं के लिए इस्तेमाल होने वाले) की तुलना में अधिक लोग यात्रा करना चाहेंगे।

तीन करोड़ की अधिक लागत से किया जा रहा नवीनीकरण

उन्होंने बताया कि इस जहाज के नवीनीकरण एवं संचालन में शामिल निजी कंपनी बंदरगाह अधिकारियों को 50,000 रुपये की ‘रायल्टी’ का भुगतान करेगी और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए इसका इस्तेमाल करेगी। उन्होंने कहा कि 80 साल पुराने जहाज का नवीनीकरण तीन करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है।

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