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चेहरे पर तकिया पड़ने से 23 दिन की बच्ची की मौत, छटपटाने पर खुली मां की नींद

प्रगति मैदान के ऊंचूपोटा इलाके में चेहरे के ऊपर तकिया पड़ने से सांस रुकने से बच्ची की मौत हो गयी। बच्‍ची मात्र 23 दिन की थी। अर्पणा के परिजनों के अनुसार इस दौरान ही बचची की मां की नींद खुली तो उसने देखा कि बच्ची छटपटा रही है।

By Babita KashyapEdited By: Updated: Mon, 20 Sep 2021 08:54 AM (IST)
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तकिया पड़ने से 23 दिन की बच्ची की मौत
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सारे दिन की थकावट के बाद रात भर जागना पड़ता है। नयी मां का कष्ट काफी तकलीफदेह है। बच्चे को सुलाने के दौरान कई बार मां को नींद आ जाती है। मां के सोने के दौरान ही बच्चे को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है, इसका उदाहरण प्रगति थाना इलाके में घटी घटना ने प्रमाण कर दिया है। बिस्तर पर मां के बगल में ही 23 दिन की नवजात सो रही थी। इस दौरान चेहरे के ऊपर तकिया पड़ने से सांस रुकने से बच्ची की मौत हो गयी। इस घटना के बाद प्रगति मैदान के ऊंचूपोटा इलाके में शोक की लहर व्याप्त है। ऐसे में बच्ची की मौत दुर्घटनावश हुई या फिर इसके पीछे कोई और कारण है, पुलिस इसकी जांच कर रही है।

जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पहले ही अर्पणा दास अपने 23 दिन की बच्ची को लेकर प्रगति मैदान इलाके में स्थित अपने मायके आयी थी। उसका ससुराल मध्यमग्राम में है। शनिवार को मायके में ही बच्ची को अपने बगल में लेटाकर वह सो रही थी। थकावट के कारण अर्पणा को नींद आ गयी और वह सो गयी। इस बीच बच्ची की नींद खुल गयी और वह छटपटाने लगी। बच्ची के शरीर पर चादर था। अर्पणा के परिजनों के अनुसार इस दौरान ही उनकी बेटी की नींद खुली तो उसने देखा कि बच्ची छटपटा रही है। उसके चेहरे के ऊपर तकिया पड़ा हुआ था। बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। आनन-फानन में उसे सीएनएमसी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे बच्ची के सिर पर तकिया पड़ा? बच्ची के छटपटाने पर मां की नींद क्यों नहीं खुली? क्यों मां को बच्ची के छटपटाने की भनक पहले नहीं लगी? हालांकि पुलिस का प्राथमिक अनुमान है कि दुर्घटनावश ही बच्ची की मौत हुई है। परिजनों के अनुसार अर्पणा और उसकी बेटी एक साथ सो रहे थे। हमें लगा कि बच्ची को सुलाने के बाद अर्पणा भी थोड़ा आराम कर रही है। हालांकि अचानक बच्ची को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उसे अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं संतान को खोने के बाद मृत मां ने बात करने की क्षमता खो दी है। बीच-बीच में वह बेहोश हो जा रही है।

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