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पश्चिम बंगाल: आतिशबाजी के दौरान घर में आग, तीन बच्चों की झुलसकर मौत

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे घर में आतिशबाजी कर रहे थे। उसकी चिंगारी से आग लग गई जो तेजी से फैल गई। आग ने पास की एक दुकान को भी अपनी चपेट में ले लिया। चार बच्चे घर में फंस गए। जब तक दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आकर आग बुझाई तब तक तीनों की झुलसकर मौत हो चुकी थी।

By Jagran News Edited By: Ajay Singh Updated: Fri, 01 Nov 2024 09:28 PM (IST)
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आतिशबाजी के दौरान बंगाल में दर्दनाक हादसा
 राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता : हावड़ा के उलबेरिया इलाके में शुक्रवार को आतिशबाजी करते वक्त घर में आग लगने से तीन बच्चों की झुलसकर मौत हो गई जबकि एक बच्चा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। खबर लिखे जाने तक मृतकों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे घर में आतिशबाजी कर रहे थे। उसकी चिंगारी से आग लग गई, जो तेजी से फैल गई। आग ने पास की एक दुकान को भी अपनी चपेट में ले लिया। चार बच्चे घर में फंस गए। जब तक दमकल विभाग के कर्मचारियों ने आकर आग बुझाई, तब तक तीनों की झुलसकर मौत हो चुकी थी। एक गंभीर रूप से जख्मी हुआ है। उसे स्थानीय अस्पताल मे भर्ती कराया गया है।

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि पटाखों की आग सबसे पहले बच्चों के कपड़े में लगी। उनके घबराकर इधर-उधर भागने से आग फैली।

दीपावली की रात कोलकाता में जमकर आतिशबाजी

दीपावली की रात कोलकाता में जमकर आतिशबाजी हुई, जिससे ध्वनि का स्तर कम से कम 22 डेसिबल तक बढ़ गया था। कोलकाता के कसबा इलाके में सबसे ज्यादा आतिशबाजी हुई। वहां रात 12 बजे के बाद ध्वनि का स्तर सबसे अधिक 104.6 डेसिबल दर्ज हुआ।

ध्वनि का स्तर 22 डेसिबल बढ़ा

कोलकाता का आरजी कर अस्पताल परिसर भी ध्वनि प्रदूषण से अछूता नहीं रहा। गुरुवार रात 12.30 बजे वहां ध्वनि का स्तर 72.7 डेसिबल दर्ज हुआ। वहीं एसएसकेएम अस्पताल के आसपास के इलाके में यह 58.2 डेसिबल रहा। इसी तरह कोलकाता के बागबाजार इलाके में ध्वनि का अधिकतम स्तर 82.5 डेसिबल, बिराटी में 75.4 डेसिबल, टालीगंज में 78.8 डेसिबल, तारातल्ला में 71.0 डेसिबल, पाटुली में 66.6 डेसिबल और न्यू मार्केट में 72.5 डेसिबल दर्ज हुआ।

जूनियर डाक्टरों ने दीपावली की रात अपने घरों की बत्तियां बंद करके जताया प्रतिवाद

आरजी कर कांड में न्याय की मांग पर आंदोलन कर रहे जूनियर डाक्टरों ने दीपावली की रात 15 मिनट तक अपने घरों की बत्तियां बंद करके प्रतिवाद जताया। उन्होंने आम लोगों से भी इसमें शामिल होने की अपील की थी। जूनियर डाक्टरों ने रात नौ बजे से सवा नौ बजे तक बत्तियां बंद रखीं। इसमें सीनियर डाक्टर व विभिन्न डाक्टर संगठनों के सदस्य भी शामिल हुए। मृत महिला डाक्टर के स्मरण में दो मिनट का मौन भी रखा गया। वहीं मृत महिला डाक्टर के माता-पिता ने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नहीं मिल पाने से वे निराश नहीं हैं। उन्होंने भविष्य में मिलने का अवसर प्राप्त होने की उम्मीद जताई है।

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