अस्पतालों की स्थिति को लेकर सरकार सतर्क : ब्रात्य
कोलकाता, जागरण संवाददाता : बंगाल के अस्पतालों की दयनीय स्थिति के विकास के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से बेहतर कार्य किए जा रहे हैं। यह बातें उच्च शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने दी। शुक्रवार को अमेरिकन चेंबर आफ कामर्स की ओर से 'हेल्थकेयर-इट्स रिच कास्ट एंड क्वालिटी' नामक सेमिनार का आयोजन किया गया था। इस मौके पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य को लेकर नई सरकार की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। ताकि यहां की स्वास्थ्य परिसेवा का विकास हो। यूनाइटेड स्टेट के जनरल वाणिज्य दूत डेन आर थामसन ने कहा कि बंगाल के सरकारी अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है। इसके विकास के लिए यूनाइटेड स्टेट की ओर से पूरी सहायता की जाएगी। यह जानकारी यूनाइटेड स्टेट के जनरल वाणिज्य दूत डीन आर थामसन ने दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत की स्वास्थ्य परिसेवा की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां की स्वास्थ्य परिसेवा के विकास के लिए वर्ष 2030 तक कुल 143 बिलियन की जरुरत है। इसके लिए यूनाइटेड स्टेट की ओर से 11.4 बिलीयन तक सहायता देने की तैयारी की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि यहां के अस्पतालों के विकास के लिए हर संभव सहायता दी जाएगी। फिजीशियन सुब्रत मैत्रा ने कहा कि बंगाल के ग्रामीण अंचलों में अस्पतालों की स्थिति बेहद दयनीय है। इसके कई कारण हैं। कही डाक्टर की कमी, कहीं दवा की और कहीं बेड समेत और भी कई तरह की समस्याएं हैं। किसी अस्पताल में अगर डाक्टर की संख्या सही तो फिर वे दायित्व के साथ अपना काम नहीं करते हैं। और यही कारण है कि आम जनता को कई तरह की असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। इसके विकास के लिए सरकार को जागरुक होने की जरुरत है। सरकार को मेडिकल कालेज की संख्या बढ़ाने की जरुरत है। इसके माध्यम से समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। मौैके पर प्राइस वाटरहाउस कूपर्स के डायरेक्टर अंबरीश दास गुप्ता, मेडिकल एजूकेशन आफ वेस्ट बंगाल के डायरेक्टर एस के बंद्योपाध्याय, शंकर नेत्रालय के चेयरमैन भास्करण, डा. प्रदीप मित्रा एवं कोलकाता पुलिस के स्पेशल कमीश्नर शिवाजी घोष समेत अन्य लोग भी उपस्थित थे।
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