कार्निवल में मां दुर्गा की 95 बेहतरीन प्रतिमाएं की गईं प्रदर्शित, सीएम ममता बनर्जी रहीं मौजूद
कोलकाता में लगभग 95 सामुदायिक पूजा पंडालों समितियों ने मां दुर्गा की बेहतरीन प्रतिमाओं को एक भव्य कार्निवल में प्रदर्शित किया। पूजा समितियों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यूनेस्को के प्रतिनिधि विभिन्न देशों के राजनयिकों और अन्य गणमान्य की उपस्थिति में दर्शकों के सामने शानदार शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया।
By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalUpdated: Sat, 08 Oct 2022 05:41 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोलकाता में लगभग 95 सामुदायिक पूजा पंडालों में रखी गई मां दुर्गा की बेहतरीन प्रतिमाओं को शनिवार अपराह्न एक भव्य कार्निवल में प्रदर्शित किया गया। सामुदायिक पूजा समितियों ने बंगाल की राजधानी कोलकाता के मशहूर रेड रोड पर एक रंगारंग परेड में भाग लिया। कार्निवल में विशेष अतिथियों की उपस्थिति में दुर्गा प्रतिमाओं, उनकी थीम और लाइट सज्जा को दिखाया गया।
कोलकाता की चुनिंदा पूजा समितियों ने प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, यूनेस्को के प्रतिनिधि, विभिन्न देशों के राजनयिकों और अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में दर्शकों के सामने शानदार शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया।
यूनेस्को ने शहर की कोलकाता दुर्गा पूजा को अमूर्त विरासत का दिया है दर्जा :
यूनेस्को ने शहर की कोलकाता दुर्गा पूजा को अमूर्त विरासत का दर्जा दिया है। अपराह्न साढ़े चार बजे कार्निवल शुरू हुआ।इस साल पूजा कार्निवल अपेक्षाकृत बड़ा और शानदार हुआ। कार्निवल में शामिल होने वाली पूजा समितियों में श्रीभूमि स्पोर्टिंग क्लब, हाथीबागान सरबोजनिन, नबीन पल्ली, काशी बोस लेन, ठाकुरपुकुर एसबी पार्क, चेतला अग्रनी और भवानीपुर 75 पल्ली प्रमुख थीं।कोलकाता में 2016 से शुरू हुआ था दुर्गा पूजा कार्निवल :
कोलकाता में यह कार्निवल 2016 से शुरू हुआ था। हालांकि कोविड महामारी के मद्देनजर 2020 और 2021 में इसका आयोजन नहीं किया जा सका था। यूनेस्को के सम्मान को चिह्नित करने के लिए इस साल राज्य के हर जिले में इस तरह के कार्निवल आयोजित किए गए थे। मुख्यमंत्री ने राज्य की दुर्गा पूजा को विश्व धरोहर की सूची में शामिल करने को लेकर यूनेस्को को धन्यवाद देने के लिए प्रत्येक जिले में भी कार्निवल का आह्वान किया था। उसी के मुताबिक शुक्रवार को राज्य के प्रत्येक जिले में भी दुर्गा प्रतिमाओं को लेकर शोभा यात्रा निकाली गई थी। हालांकि, जलपाईगुड़ी जिले में दशहरे की शाम को मूर्तियों के विसर्जन के दौरान माल नदी में अचानक आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत पर शोक के मद्देनज़र ऐसा कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया।
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