कोयला घोटाला मामले में व्यक्तिगत कारणों से ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए अभिषेक बनर्जी
मवेशी तस्करी मामले में हाई कोर्ट ने खारिज की अनुब्रत की याचिका ईडी ने अभिषेक व उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को कोयला तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था। इससे पहले इस मामले में ईडी दोनों से पूछताछ भी कर चुकी है।
By Priti JhaEdited By: Updated: Tue, 29 Mar 2022 01:10 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोयला घोटाला मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे सांसद एवं तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी व्यक्तिगत कारणों से आज नई दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) के कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। ईडी ने अभिषेक व उनकी पत्नी रुजिरा बनर्जी को कोयला तस्करी से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए समन जारी किया था।इससे पहले इस मामले में ईडी दोनों से पूछताछ भी कर चुकी है।
इस बीच, अभिषेक ने ईडी के समन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है, जिस पर सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय तैयार हो गया है। दूसरी ओर, मवेशी तस्करी मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी तथा तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल की याचिका खारिज कर दी है। सीबीआइ ने इस मामले में अनुब्रत को कई बार तलब किया है, लेकिन वह बीमारी का कारण बताकर उपस्थित नहीं हुए हैं। उन्होंने सीबीआइ की कार्रवाई पर रोक के लिए हाईकोर्ट की एकल पीठ में खारिज होने के बाद खंडपीठ में याचिका दायर की थी।
कौन हैं अभिषेक बनर्जी
ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी अधिकतर सुर्खियों में रहते हैं। चुनाव के समय में ज्यादातर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी छोड़ते समय अभिषेक पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा था कि पार्टी अब वंशवाद की शिकार हो गई है। वहीं चुनाव के पहले से अभिषेक की पत्नी और साली पर भी कोल स्कैम में शामिल होने का आरोप लगा है । जानकारी हो कि बंगाल में विपक्षी पार्टियां अभिषेक पर हमेशा से कई तरह के आरोप लगाती रही हैं। अभिषेक पिछले 10 सालों से आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की यूथ विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहें हैैं।
अभिषेक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बड़े भाई अजित के बेटे हैं। वह बचपन से ही ममता के पास रहे हैं। बंगाल में कहा जाता है कि वो दीदी के चहेते हैं। ममता चाहती हैं कि आने वाले समय में वह पार्टी में उनकी जगह लें। हालांकि, इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के सीनियर लीडर्स ने नाखुशी भी जाहिर की है।
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