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कोलकाता के अस्पताल में मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों से मारपीट, चार आरोपी गिरफ्तार

कोलकाता से सटे कमरहट्टी इलाके में स्थित सागर दत्त मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार रात एक मरीज की मौत को लेकर उसके स्वजन ने ड्यूटीरत जूनियर डॉक्टरों नर्सों और अन्य चिकित्साकर्मियों की पिटाई कर दी। इसमें सात लोग घायल हो गए। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों व नर्सों ने पुख्ता सुरक्षा की मांग करते हुए काम बंद कर दिया है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sat, 28 Sep 2024 08:30 PM (IST)
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अस्पताल में मरीज की मौत के बाद डॉक्टरों से मारपीट

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: कोलकाता से सटे कमरहट्टी इलाके में स्थित सागर दत्त मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार रात एक मरीज की मौत को लेकर उसके स्वजन ने ड्यूटीरत जूनियर डॉक्टरों,नर्सों और अन्य चिकित्साकर्मियों की पिटाई कर दी। इसमें सात लोग घायल हो गए। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों व नर्सों ने पुख्ता सुरक्षा की मांग करते हुए काम बंद कर दिया। घटना ने बंगाल के सरकारी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर फिर सवाल खड़ा कर दिया है।

मालूम हो कि आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने समस्त सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की बात कही थी। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बाबत दिशानिर्देश भी जारी किया गया था।

'जब तक उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक नहीं लेंगे शव'

पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। मृतका के परिवार ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा है कि जब तक उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा, तब तक वह शव नहीं लेंगे। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार शाम 29 साल की रंजना साव नामक महिला को इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई थी। मृतका के स्वजन ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जूनियर डाक्टरों, नर्सों व अन्य चिकित्सा कर्मियों को मारा-पीटा।

'आश्वासन नहीं, एक्शन चाहिए'

खबर मिलने पर वेस्ट बंगाल जूनियर डाक्टर्स फ्रंट का एक प्रतिनिधिदल वहां पहुंचा। 'आश्वासन नहीं, चाहिए एक्शन' स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वररूप निगम शनिवार को अस्पताल पहुंचे और जूनियरों डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन दिया। इस पर जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें आश्वासन नहीं बल्कि एक्शन चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घटना के वक्त अस्पताल परिसर में मौजूद पुलिसकर्मी मूक दर्शक की तरह खड़े थे।

जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को बुलाई गई कॉलेज काउंसिल की बैठक में अस्पताल प्रबंधन के सामने सुरक्षा को लेकर दस सूत्री मांगें रखते हुए साफ कहा है कि उन्हें पूरा नहीं किए जाने तक वह काम पर नहीं लौटेंगे।

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