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Subrata Mukherjee Passes Away: पंचतत्व में विलीन हुए मंत्री सुब्रत मुखर्जी, राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार

Subrata Mukherjee Passes Away विभिन्न दलों के नेताओं व प्रशंसकों ने मुखर्जी को नम आंखों से दी श्रद्धांजलि। अंतिम यात्रा में उमड़ी लोगों की भारी भीड़। राज्यपाल ने दी श्रद्धांजलि। वयोवृद्ध नेता के हजारों प्रशंसक और समर्थक भी श्रद्धांजलि देने के लिए कोलकाता के रबींद्र सदन में एकत्रित हुए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Fri, 05 Nov 2021 07:53 PM (IST)
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पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी का निधन। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी शुक्रवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। पूरे राजकीय सम्मान के साथ महानगर के केवड़ातला श्मशान घाट पर शाम में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। उनकी अंतिम यात्रा में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से लेकर प्रशंसकों और बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और उन्हें अंतिम विदाई दी। कोलकाता पुलिस के जवानों ने उन्हें गन सैल्यूट दिया और इसके बाद पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

कोलकाता सरकारी अस्पताल में ली अंतिम सांस

इससे पहले मुखर्जी को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके पार्थिव शरीर को कोलकाता के रबींद्र सदन में 10 बजे से दो बजे तक रखा गया। यहां विभिन्न दलों के राजनेताओं से लेकर बड़ी संख्या में प्रशंसकों और आम लोग एकत्रित हुए और उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। 75 वर्षीय मुखर्जी का गुरुवार रात करीब 9:22 बजे कोलकाता के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। बंगाल के दिग्गज नेता मुखर्जी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का कार्यभार संभाल रहे थे।

कई गणमान्य लोग जुटे उनकी अंतिम सभा में

वहीं, बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ समेत तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं व मंत्री फिरहाद हकीम व अरूप विश्वास, कांग्रेस के अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य के साथ-साथ भाजपा के दिलीप घोष और राहुल सिन्हा समेत अन्य नेताओं ने रवींद्र सदन में मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी। माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा और पार्टी प्रवक्ता सुजन चक्रवर्ती ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वयोवृद्ध नेता के हजारों प्रशंसक और समर्थक भी अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां एकत्रित हुए।

राज्य विधानसभा भी ले जाया गया पार्थिव शरीर

यहां लोगों के अंतिम दर्शन के बाद मुखर्जी के पार्थिव शरीर को राज्य विधानसभा ले जाया गया, जहां विधानसभा अध्यक्ष समेत विभिन्न दलों के विधायकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को बालीगंज स्थित उनके घर और फिर उनके क्लब के बाद अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया।

बंगाल राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ थे : घोष

इधर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष घोष ने मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, बंगाल की राजनीति में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा। वे बंगाल की राजनीति के ‘भीष्म पितामह’ थे। यह हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है।

हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया : फिरहाद हकीम

वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, मैं सुब्रत दा को देखकर बड़ा हुआ हूं। वह मेरे बचपन के हीरो थे। ऐसे कई उदाहरण हैं जब मैंने उनसे सलाह के लिए संपर्क किया और उन्होंने हमेशा मेरा मार्गदर्शन किया। मैंने अपने बड़े भाई को खो दिया है।

अच्छा और काबिल नेता खो दिया : गोयनका

उद्योगपति संजीव गोयनका ने अपने शोक संदेश में कहा, सुब्रत मुखर्जी के रूप में हमने एक बहुत अच्छे और काबिल नेता को खो दिया। व्यक्तिगत स्तर पर, मैं उन्हें 35 वर्षों से अधिक समय से जानता था। यह बहुत गहरी व्यक्तिगत क्षति है। बता दें कि मुखर्जी (75) को 24 अक्टूबर को सांस लेने में परेशानी के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुखर्जी की एक नवंबर को ‘एंजियोप्लास्टी’ भी हुई थी और उनके दिल की धमनियों में दो स्टेंट डाले गए थे।

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