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Amartya Sen Land: जमीन मामले में अमर्त्य सेन को मिली राहत, विश्व भारती का बेदखली नोटिस खारिज; वकील का सेन पर जोरदार हमला

बीरभूम जिले के सिउरी जिला न्यायालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के साथ भूमि विवाद मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के पक्ष में फैसला सुनाया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अमर्त्य सेन के खिलाफ नोटिस जारी कर आरोप लगाया था कि वे 13 डिसमिल जमीन पर अतिरिक्त कब्जा कर रखे हैं। इस नोटिस के खिलाफ अमर्त्य सेन कोर्ट में अपील की थी।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Wed, 31 Jan 2024 07:12 PM (IST)
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अमर्त्य सेन पर विश्वभारती विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध कब्जा करने का है आरोप। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बीरभूम जिले के सिउरी जिला न्यायालय ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के साथ भूमि विवाद मामले में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के पक्ष में फैसला सुनाया है। विश्व भारती विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अमर्त्य सेन के खिलाफ नोटिस जारी कर आरोप लगाया था कि वे 13 डिसमिल जमीन पर अतिरिक्त कब्जा कर रखे हैं। इस नोटिस के खिलाफ अमर्त्य सेन कोर्ट में अपील की थी। मामला सिउरी जिला न्यायालय में चल रहा था। बुधवार को जज ने मामले में फैसला सुनाया।

इस दिन अमर्त्य सेन के वकील ने कहा कि विश्वभारती के जमीन बेदखली का आदेश खारिज कर दिया गया है। गौरतलब है कि पूर्व कुलपति विद्युत चक्रवर्ती ने अमर्त्य सेन के खिलाफ जमीन हड़पने की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि अमर्त्य सेन को जमीन छोड़नी होगी। ये मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इस दिन सिउरी जिला कोर्ट ने उस केस के संदर्भ में अपना फैसला सुनाया है।

सेन ने विश्वविद्यालय में एक भी कक्षा नहीं ली- वकील

इसी साल जनवरी में विश्व भारती की वकील सुचरिता बिस्वास ने अमर्त्य सेन पर दलील में जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि अमर्त्य सेन के बारे में शुरू से ही सब कुछ झूठ है। अर्थशास्त्र में कोई नोबेल पुरस्कार नहीं पाया है। बैंक ऑफ स्वीडन ने एक कमेटी बनाई, जिसे वह नोबेल कहते हैं। क्या कोई बता सकता है कि उनका भारत में कोई योगदान है? मैंने शोध किया है। उन्होंने कभी विश्वविद्यालय में एक भी कक्षा नहीं ली।

13 डिसमिल जमीन को लेकर है विवाद

गौरतलब है कि अमर्त्य सेन के बोलपुर स्थित घर प्रतीची की सीमा से लगी जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। जैसा कि विश्व भारतीय ने दावा किया है, कुल 1.25 एकड़ जमीन अमर्त्य के दिवंगत पिता आशुतोष सेन को पट्टे पर दी गई थी। अमर्त्य सेन ने कथित तौर पर 13 डिसमिल जमीन 'हथिया' ली। यह मामला कोर्ट में उठाया गया।

सीएम ममता की ओर से सेन को हर तरह की मदद का आश्वासन

हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि 1.38 एकड़ जमीन का म्यूटेशन अमर्त्य सेन के नाम पर है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस संबंध में उन्हें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया था। नवान्न से ममता बनर्जी ने सख्त संदेश देते हुए कहा था कि अगर वे अमर्त्य सेन का घर तोड़ने की कोशिश करेंगे तो मैं वहीं बैठ जाऊंगी। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उनके बोलपुर स्थित घर पहुंचीं और समर्थन का संदेश दिया था।

अमर्त्य सेन के पक्ष में फैसला

कोर्ट में ये केस दायर होने के बाद अलग-अलग तरफ से कई बयान सामने आ रहे हैं। आख़िरकार अमर्त्य सेन के पक्ष में फैसला सुनाया गया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि मामला हाई कोर्ट में जाएगा या नहीं। परंतु, माना जा रहा है कि जिला न्यायलय के फैसले को विश्वविद्यालय प्रबंधन हाई कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

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