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Bengal News: भाजपा नेता का दावा, धान खरीद योजना में करोड़ों रुपये की हेराफेरी; ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी पर घमासान

बंगाल में राशन वितरण घोटाले में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी पर मचे घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में धान की खरीद में भी बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की धान खरीद योजना में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है। सुवेंदु ने ईडी से इन पंजीकृत किसानों के विवरण को सत्यापित करने का आग्रह भी किया है।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Fri, 03 Nov 2023 04:00 AM (IST)
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ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी पर घमासान (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में राशन वितरण घोटाले में वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी पर मचे घमासान के बीच नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में धान की खरीद में भी बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार की धान खरीद योजना में करोड़ों रुपये की हेराफेरी की गई है।

सुवेंदु ने राज्य के खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा इस योजना में पंजीकृत किए गए किसानों की सूची पर सवाल उठाया, जो कथित तौर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपनी फसल बेचने के इच्छुक थे। उन्होंने कहा कि संख्या चौंका देने वाली है। 2017-18 में पंजीकृत किसानों की संख्या 4,64,616 थी, जो 2021-22 में बढ़कर 28,15,107 हो गई। भाजपा नेता ने दावा किया कि साल 2021-22 में 5,46,598 किसानों की बढ़ोतरी हो गई।

सुवेंदु ने ईडी से इन पंजीकृत किसानों के विवरण को सत्यापित करने का आग्रह भी किया है। दावा किया कि विभाग के भीतर विश्वसनीय स्त्रोत से उन्हें पता चला है कि उनमें से 60 प्रतिशत से अधिक नाम फर्जी हैं। फर्जी धान खरीद के लिए भुगतान, जो वास्तविक खरीद का 50 प्रतिशत से अधिक है।

राज्य स्तरीय सहकारी समितियों (एसकेयूएस) के माध्यम से किया गया था, जो सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं के प्रभाव में काम करते हैं। यह भी आरोप लगाया कि धान खरीद में शामिल चावल मिलों ने कथित तौर पर इन सहकारी समितियों को भुगतान किया, जिन्होंने बाद में धनराशि को फर्जी खातों में जमा कर दिया। इन सहकारी समितियों का आडिट और उन खातों की गहन जांच की जरूरत है, जहां ये धनराशि जमा की गई थी। 

खाद्य विभाग के कार्यालय में होती थीं बैठकें

राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार ज्योतिप्रिय मल्लिक और उनके करीबी व्यवसायी बाकिबुर रहमान के बीच खाद्य विभाग के कार्यालय में ही बैठकें हुआ करती थीं। ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है। ईडी सूत्रों ने बताया कि मल्लिक के काफिले में बाकिबुर की कार भी शामिल रहती थी। मंत्री के कहने पर बाकिबुर राशन डीलरों से संपर्क बनाए रखते थे। ईडी की नजर अब उन राशन डीलरों पर है। इसके अलावा एक चार्टर्ड एकाउंटेंट भी रडार पर है। 

ईडी चावल व गेहूं की कुछ मिलों के मालिकों से भी जल्द पूछताछ करेगी। कलकत्ता हाई कोर्ट ने कमांड अस्पताल को मंत्री की ईडी हिरासत की आठ नवंबर तक की अवधि समाप्त होने तक उसके यहां उनके उपचार का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राशन वितरण घोटाले में गिरफ्तार ज्योतिप्रिय का खुलकर समर्थन किया है, वहीं उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का उत्तर 24 परगना जिला संगठन दूरी बनाकर चल रहा है।   

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