केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बंगाल भाजपा को नसीहत, केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर न कर अपने बूते लड़े चुनाव
भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सोमवार देर रात डेढ़ बजे कोलकाता पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को बंगाल भाजपा ( Bengal BJP ) की कोर कमेटी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में शाह ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व व केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर रहने से नहीं चलेगा।अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय गृहमंत्री व भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह ने पार्टी की बंगाल इकाई को केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर करने के बजाय अपने बूते आगामी लोकसभा (लोस) चुनाव लड़ने की नसीहत दी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सोमवार देर रात डेढ़ बजे कोलकाता पहुंचे शाह ने मंगलवार को बंगाल भाजपा की कोर कमेटी के साथ महत्वपूर्ण बैठक की।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बैठक में शाह ने साफ तौर पर कहा है कि केंद्रीय नेतृत्व व केंद्रीय एजेंसियों पर निर्भर रहने से नहीं चलेगा। अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी। इसके बाद उन्होंने नड्डा के साथ बंगाल के लिए 15 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन टीम का गठन करके लोस चुनाव की तैयारियों का आगाज कर दिया।
टीम में कौन-कौन शामिल?
टीम में बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी, सांसद दिलीप घोष, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा, अमिताभ चक्रवर्ती, सतीश धंड, जगन्नाथ सरकार, अग्निमित्रा पाल, लाकेट चटर्जी, दीपक बर्मन और ज्योतिर्मय महतो शामिल हैं। बंगाल के चार केंद्रीय पर्यवेक्षकों सुनील बंसल, अमित मालवीय, आशा लकड़ा और मंगल पांडेय को भी इसमें जगह दी गई है।बंगाल से चार केंद्रीय मंत्रियों निशिथ प्रमाणिक, शांतनु ठाकुर, सुभाष सरकार और जान बारला को इसमें शामिल नहीं किया गया है। टीम का काम चुनाव संबंधी सभी कार्यों की देखरेख करना होगा। उन्होंने कहा कि कैसे प्रचार किया जाएगा, कौन से केंद्रीय नेता प्रचार के लिए बंगाल आएंगे, ये सब तय करने की जिम्मेदारी इन नेताओं के कंधों पर होगी।
TMC का मुकाबला करने के लिए क्या करेंगे शाह?
सूत्रों के अनुसार शाह ने कहा कि बंगाल में तृणमूल का मुकाबला करने के लिए संगठन को मजबूत करना होगा। केंद्रीय नेतृत्व साथ रहेगा, लेकिन उसपर निर्भर करने से नहीं चलेगा। इसी तरह केंद्रीय एजेंसियां भी अपने तरीके से काम करेंगी। उन्होंने लोस चुनाव के प्रचार में इंटरनेट मीडिया के अधिक से अधिक इस्तेमाल पर भी जोर दिया है।साथ ही पार्टी के राज्य नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर साथ मिलकर काम करने का भी संदेश दिया। उल्लेखनीय है कि शाह ने बंगाल की 35 लोस सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। 2019 के लोस चुनाव में भाजपा ने राज्य में 18 सीटें जीती थी। खबर है कि इस बार बंगाल के 20 भाजपा विधायकों को टिकट दिया जा सकता है। इस कारण कुछ वर्तमान सांसदों का इस बार पत्ता कट सकता है।
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