गंगासागर के कोहरे के आगे आस्ट्रेलियाई टेक्नोलॉजी भी पस्त, काम नहीं आए एंटी-फॉग लाइट
गंगासागर में सर्दियों के समय में घना कोहरा देखने को मिलता है। कोहरे के कारण अक्सर फेरी सेवा बंद हो जाती है। साथ ही तीर्थयात्रियों से भरे लांच भी रास्ता भटक जाते हैं। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस बार विशेष एंटी-फॉग लाइट का उपयोग किया था। मोटी रकम खर्च कर इन लाइटों को ऑस्ट्रेलिया से मंगवाया गया था लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।
विशाल श्रेष्ठ, गंगासागर। ऑस्ट्रेलिया भले ही पिछले क्रिकेट विश्वकप में बेहद मजबूत भारतीय टीम को हराकर चैंपियन बना था, लेकिन गंगासागर के घने कोहरे से वह नहीं जीत पाया। गंगासागर मेले के समय यहां छाने वाले घने कोहरे की वजह से फेरी सेवा बंद होने व तीर्थयात्रियों से भरे लांच के रास्ता भटक जाने की समस्या से निपटने के लिए दक्षिण 24 परगना जिला प्रशासन ने इस बार विशेष एंटी-फॉग लाइट का उपयोग किया था। अत्याधुनिक लाइटों को मोटी रकम खर्च ऑस्ट्रेलिया से मंगवाया गया था, लेकिन नतीजा शून्य निकला।
लाइटों को लांच के आगे के हिस्से, मूड़ी गंगा नदी पर बने टावर व जेटी पर लगाया गया था, ताकि लांच चालक घने कोहरे के समय आसानी से नदी मार्ग देख पाएं और फेरी सेवा बंद करने की नौबत न आए। तीन टावरों पर एंटी-फाग लाइट लगाए गए थे, जिनके पास से लांच आवागमन करते हैं। मूड़ी गंगा के किनारे स्थित 10 स्थायी व 11 अस्थायी जेटियों में भी ये लाइट लगाए गए थे। चालकों को इनके इस्तेमाल के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया था।
धरे रह गए प्रशासन के दावे
जिलाधिकारी सुमित गुप्ता ने दावा किया था कि इस लाइट की बदौलत इस बार लांच के परिचालन में कोई समस्या नहीं होगी, लेकिन गंगासागर के घने कोहरे के आगे बेहद उन्नत आस्ट्रेलियाई टेक्नोलॉजी भी पस्त हो गई। कोहरे के कारण प्रत्येक दिन फेरी सेवा कई घंटे बंद करनी पड़ी। इस कारण बहुत से तीर्थयात्री पुण्य काल में स्नान करने नदी पार करके गंगासागर नहीं पहुंच पाए, दूसरी तरफ लाखों तीर्थयात्री पुण्य स्नान के बाद घंटों गंगासागर में फंसे रह गए।घने कोहरे के कारण हम करीब चार घंटे लॉट नंबर आठ में ही फंसे रहे। इस कारण पुण्य काल में स्नान नहीं कर पाए, जिसका बेहद अफसोस रहेगा।
उत्तर प्रदेश के मथुरा से आए रामानंद तिवारी
मंत्री बोले- प्रकृति के आगे हम सभी विवश
खेल मंत्री अरूप विश्वास ने बताया कि घने कोहरे से विमान व ट्रेन सेवा, सभी प्रभावित हो रही हैं। प्रकृति के आगे हम सभी विवश हैं, हालांकि हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की।कुख्यात है गंगासागर का कोहरा
गंगासागर में मकर संक्रांति के समय बेहद घना कोहरा छाता है, जिससे कई किलोमीटर दूर तक विजिबिलिटी शून्य हो जाती है। पिछली बार कोहरे की चपेट में आकर तीर्थयात्रियों से भरे कई लांच रास्ता भटककर दूसरी तरफ चले गए थे। आलम यह था कि कुछ समय के लिए गंगासागर का कपिल मुनि मंदिर भी कोहरे में गुम हो गया था।ये भी पढ़ें:
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