बंगाल में केंद्रीय जांच एजेंसियों पर हमले की कहानी कोई नई नहीं, ED-CBI से लेकर NIA तक को बनाया गया निशाना
बंगाल में शनिवार को एक बार फिर केंद्रीय एजेंसी को निशाना बना गया। छापेमारी के लिए पहुंची ईडी की टीम पर हमले के बाद अब बंगाल में NIA अधिकारियों पर हमले किए गए हैं। बांग्लादेश की सीमा पर तैनात BSF पर कई बार हमले हो चुके हैं। कभी तस्करों व अपराधियों की ओर से तो कभी उन्हें बचाने के लिए स्थानीय लोगों की ओर से हमले होते रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में शनिवार को एक बार फिर केंद्रीय एजेंसी को निशाना बना गया। छापेमारी के लिए पहुंची ईडी की टीम पर हमले के बाद अब बंगाल में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अधिकारियों पर हमले किए गए हैं।
एनआईए की टीम पर हमला
पहले तीन माह पूर्व पांच जनवरी को संदेशखाली में राशन घोटाले के आरोपित तृणमूल नेता (अब निलंबित) शाहजहां शेख के घर पर छापेमारी के लिए केंद्रीय बल के साथ पहुंची ईडी की टीम पर हमला किया गया था अब पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में 2022 में हुए बम विस्फोट के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच कर रही एनआईए की टीम हमला हुआ, जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी दो अधिकारी मामूली रूप से घायल हो गए और उनकी गाड़ी में तोड़फोड़ की गई। एनआईए की टीम के साथ गए केंद्रीय बलों को भी बाधाओं का सामना करना पड़ा। बंगाल में केंद्रीय एजेंसी पर हमले की यह पहली घटना नहीं है।
BSF पर भी कई बार हो चुके हैं हमले
बांग्लादेश की सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर कई बार हमले हो चुके हैं। कभी तस्करों व अपराधियों की ओर से तो कभी उन्हें बचाने के लिए स्थानीय लोगों की ओर से हमले होते रहे हैं। परंतु, ईडी और एनआईए जैसी देश की उत्कृष्ट जांच एजेंसियों पर ही केंद्रीय बल की मौजूदगी में हमले होंगे यह तीन माह के भीतर यह दूसरी घटना है।हमले के लिए भाजपा ने बताया सीएम को जिम्मेदार
इन हमलों में सीधे तौर पर सत्तारूढ़ दल के तृणमूल से कार्यकर्ता और समर्थकों के हाथ होने का भाजपा सांसद व प्रत्याशी दिलीप घोष से लेकर शंकुदेव पांडा तक आरोप लगाते रहे हैं। भाजपा तो यहां तक कह रही है कि मुख्यमंत्री व पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी इस हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है, क्योंकि वह केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ लगातार अपने समर्थकों व नेताओं को भड़का रही हैं।
भाजपा ने कहा कि कभी बीएसएफ को गांवों में नहीं घुसने देने की बात कहती हैं तो कभी अपनी महिला समर्थकों को हाथ में बेलन व झाड़ू लेकर प्रतिरोध करने की बात कहती हैं। बीएसएफ पर हत्या और महिलाओं से दुर्व्यवहार का आरोप तो तृणमूल के नेता, मंत्री, विधायक लगातार लगाते रहे हैं।
कोर्ट के आदेश के बाद भी हो रहे हमले
भाजपा नेताओं का कहना है कि सारधा चिटफंड, नारद स्टिंग हो या कोयला व पशु तस्करी या फिर शिक्षक भर्ती से लेकर राशन घोटाला या फिर रामनवमी के जुलूस पर हमले का या फिर बम विस्फोट पहले तो तृणमूल और ममता सरकार हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक केंद्रीय एजेंसी की जांच रोकने के लिए लड़ती आ रही है और अब देखा जा रहा है कि कोर्ट के निर्देश पर जांच हो रही है तो हमले कराए जा रहे हैं।
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