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'मैं सनातनी हूं, भगवान शिव का भक्त हूं' नबन्ना प्रोटेस्ट में वाटर कैनन के सामने डटे रहने वाले Balaram Bose ने सुनाई आपबीती

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के खिलाफ हुई अत्याचार को लेकर छात्रों और प्रदर्शनकारियों ने नबन्ना मार्च निकाली थी। प्रदर्शनकारियों को नबन्न (प्रदेश सचिवालय) तक जाने से रोकने के लिए कोलकाता पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था। पानी की बौछारों के आगे एक बुजुर्ग बलराम बोस डटे रहे। उनकी प्रदर्शन स्थल पर डटे रहने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Thu, 29 Aug 2024 09:33 AM (IST)
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नबन्ना मार्च में पुलिस का सामने डटे रहने वाले बलराम बोस की फाइल फोटो।(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
एएनआई, कोलकाता। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई अत्याचार के खिलाफ कोलकाता में 27 अगस्त को नबन्ना मार्च निकाला गया था। छात्रों ने प्रदेश सचिवालय यानी नबन्ना भवन के आस पास जमा होकर ममता सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया था। हालांकि, पुलिस ने छात्रों और प्रदर्शनकारियों को  नबन्ना भवन तक पहुंचने से रोकने के लिए पूरी तैयारी कर ली थी।

जब प्रदर्शनकारी  जबरदस्ती बैरिकेड्स तोड़कर  नबन्ना भवन की ओर आगे बढ़ने की जिद्द करने लगे तो पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन का प्रयोग किया। पानी की बौछारों के बीच बलराम बोस (Balaram Bose) नामक बुजुर्ग हाथों में तिरंगा लेकर प्रदर्शन स्थल पर डटे रहे। उनकी ये तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई।

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आवाज उठानी होगी: बलराम बोस

समाचार एजेंसी एएनआई ने जब बलराम बोस से बातचीत की है। बलराम बोस ने कहा, "यह आंदोलन छात्रों द्वारा आयोजित किया गया था, लेकिन यह कहा गया था कि हर घर से एक व्यक्ति को इसमें भाग लेना चाहिए। मेरे घर में भी महिलाएं हैं। इसलिए हमें उनकी सुरक्षा के लिए चिंतित होना चाहिए। अगर समाज स्वस्थ और सुरक्षित रहेगा, तो महिलाएं सम्मानित होंगी। जहां महिलाओं का सम्मान नहीं होता, वहां देवी-देवता नहीं रहते। जब मैंने आंदोलन में हिस्सा लिया, तो मेरा मानना था कि हमें अपनी आवाज नबन्ना (पश्चिम बंगाल सरकार का अस्थायी राज्य सचिवालय) तक पहुंचानी होगी।"

हम सिर्फ न्याय चाहते हैं और कुछ नहीं: बलराम बोस

बलराम बोस ने आगे कहा,"अगर मुझे मरना भी पड़ता, तो मैं मर जाता। मैं उन्हें (पुलिस) इशारा कर रहा था कि वे उस गुलामी से छुटकारा पाएं जिसे पुलिसवाले तानाशाही व्यवस्था में फॉलो करते हैं। मैं उनसे कह रहा था कि वे हथकड़ियों को पीछे छोड़कर हमारे साथ नबन्ना की ओर मार्च में शामिल हों या पानी की डंडियों का इस कदर इस्तेमाल करें कि हम सब बह जाएं। मैं एक सनातनी हूं, भगवान शिव का भक्त हूं। मैं नहीं चाहता कि कोई राजनीतिक पार्टी इस आंदोलन को प्रभावित या विचलित करे। हम सिर्फ न्याय चाहते हैं और कुछ नहीं।"

ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई अत्याचार पर राष्ट्रपति ने जताई चिंता

नबन्ना मार्च में प्रदर्शनकारियों पर हुई पुलिस द्वारा कार्रवाई के खिलाफ भाजपा ने बुधवार (28 अगस्त ) को बंगाल बंद का एलान किया। बंगाल बंद के दौरान कई हिंसक घटनाएं भी घटी। वहीं, ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी चिंता जाहिर की है। 

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