'बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा', 1971 युद्ध में भाग लेने वाले विंग कमांडर देवेन्द्र सिंह ने जताई चिंता
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है पूरे देश में दंगे हो रहे हैं अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले किए जा रहे हैं। इस बीच पूर्व विंग कमांडर ने कहा है कि इन सबके पीछे एक साजिश है। हिंदुओं पर बहुत अत्याचार हो रहा है। यह सब छात्र नहीं कर सकते। छात्रों की मांगें जायज थीं और उन्हें पूरा किया गया है।
एएनआई, कोलकाता। बांग्लादेश में खूनी छात्र आंदोलन के बाद तख्तापलट हो चुका है और शेख हसीना प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ चुकी हैं। देश में गुरुवार को नोबेल पुरस्कार प्राप्त मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार कार्यभार संभालेगी।
बांग्लादेश की मौजूदा हालात को लेकर साल 1971 युद्ध में शामिल रहे विंग कमांडर देवेन्द्र जीत सिंह क्लेर ने कहा है कि बांग्लादेश की स्थिति दिल दहला देने वाली है। उन्होंने छात्रों के विरोध-प्रदर्शन पर सवाल उठाते हुए कहा कि छात्रों का विरोध इस रूप में नहीं हो सकता।
बांग्लादेश में भीड़ ने सब कुछ अपने कब्जे में ले लिया
विंग कमांडर देवेन्द्र ने आगे कहा कि वर्तमान में बांग्लादेश में भीड़ ने सब कुछ अपने कब्जे में ले रखा है और यह समझना मुश्किल है कि उन्हें किसका समर्थन प्राप्त है।बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति दिल दहला देने वाली
उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में मौजूदा स्थिति दिल दहला देने वाली है। किसी भी चीज पर कोई नियंत्रण नहीं है। आगजनी और दंगे हो रहे हैं। भीड़ ही सब कुछ नियंत्रित कर रही है। इन लोगों को किसका समर्थन प्राप्त है, यह समझना मुश्किल है। छात्रों का विरोध इस तरह का रूप नहीं ले सकता।" उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में चल रही अशांति के पीछे कोई साजिश लगती है।
यह सब छात्र नहीं कर सकते- विंग कमांडर
पूर्व विंग कमांडर ने कहा, "इसके पीछे एक साजिश है। हिंदुओं पर बहुत अत्याचार हो रहा है। यह सब छात्र नहीं कर सकते। छात्रों की मांगें जायज थीं और उन्हें पूरा किया गया है। जब तक यह अराजकता खत्म नहीं होगी, अंतरिम सरकार कैसे बनेगी? इसे सिर्फ सेना ही खत्म कर सकती है। सेना को कर्फ्यू लगाना चाहिए।"बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति अस्थिर
बता दें कि बढ़ते विरोध-प्रदर्शनों के बीच शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति अस्थिर बनी हुई है। अपने इस्तीफे के बाद शेख हसीना सोमवार शाम को भारत पहुंची थीं।
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