Hasan Mahmud In Bengal: बांग्लादेश के मंत्री बोले, पाकिस्तान समर्थक तत्व हमारे देश में फैलाना चाहते हैं सांप्रदायिक अशांति
Hasan Mahmud In Bengal बांग्लादेश के सूचना और प्रसारण मंत्री एम हसन महमूद ने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दावा किया है कि 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध करने वाले पाकिस्तान समर्थक तत्व उनके देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाना चाहते हैं।
By Sachin Kumar MishraEdited By: Updated: Fri, 29 Oct 2021 08:29 PM (IST)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बांग्लादेश के सूचना व प्रसारण मंत्री एम हसन महमूद ने गुरुवार को कोलकाता में दावा किया कि 1971 के मुक्ति संग्राम का विरोध करने वाले पाकिस्तान समर्थक तत्व उनके देश में सांप्रदायिक अशांति फैलाना चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत के पड़ोसी देश में हुई सांप्रदायिक हिंसा में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। हसन महमूद कोलकाता प्रेस क्लब में बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्र रहमान के जन्म शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में 'बंगबंधु संगबाद केंद्र' (बंगबंधु मीडिया सेंटर) के उद्घाटन के लिए पहुंचे थे। इस मौके पर उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि धर्मनिरपेक्षता ‘देश और उसके संविधान’ के लिए मार्गदर्शक बनी रहेगी।
कहा- हमने हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की इस मौके पर उन्होंने संविधान में धर्म को जगह देने के लिए पूर्व राष्ट्रपति जनरल हुसैन मोहम्म्द इरशाद को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रकृति शुरुआत में धर्मनिरपेक्ष थी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि जिन लोगों ने हमारी आजादी, मुक्ति संग्राम का विरोध किया और जो पाकिस्तान के करीब हैं, वे हमारे देश के सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं। इस दौरान हसन महमूद ने बांग्लादेश में हाल में हुई हिंसा के बारे में भी बात की, जहां कुछ जगहों पर हिंदुओं को निशाना बनाया गया और दुर्गा पूजा पंडालों को तोड़ा-फोड़ा गया। उन्होंने कहा कि हमने हिंसा में शामिल दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। बांग्लादेश में हिंदू-मुसलमान में यकीन नहीं किया जाता। सबसे पहले हम बंगाली हैं और उसके बाद ही हम अपने धर्म के आधार पर जाने जाते हैं। दोषी वे लोग हैं जो देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। बीएनपी-जमात के कार्यकर्ता उन हमलों में शामिल थे। मंत्री ने कहा कि इस साल पूजा के दौरान करीब 32,000 दुर्गा पूजा पंडाल बनाए गए थे, लेकिन तोड़-फोड़ कुछ ही पंडालों में हुई।
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