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भारत से लगी बॉर्डर पर क्यों लगी बांग्लादेशी नागरिकों की भीड़? शांति बहाली पर टिकी सबकी निगाहें

Bangladesh Protest बांग्लादेश में हिंसा और तख्तापलट के बाद भारत में फंसे कई बांग्लादेशी नागरिक परेशान हैं। वह तत्काल अपने देश वापस लौटना चाहते हैं। कुछ बांग्लादेशी तो इसी उम्मीद में भारत-बांग्लादेश सीमा पर जमे हुए हैं। इन लोगों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्ररहमान की मूर्ति तोड़े जाने का विरोध किया। कहा आंदोलनकारियों को बाद में पछतावा होगा। वह शायद अपने क्रोध को रोक नहीं पाए।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Tue, 06 Aug 2024 10:11 PM (IST)
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बांग्लादेश में जारी है विरोध प्रदर्शन। फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी/जलपाईगुड़ी। बांग्लादेश में हिंसा और तख्तापलट के बाद इस समय क्या हो रहा है? इसको लेकर वहां से कुछ दिन पहले तमाम वजहों से बाहर निकले लोग खासे परेशान हैं, वह वहां की पल-पल की जानकारी जुटाने में लगे हैं। यह सभी तत्काल अपने देश वापस लौटना चाहते हैं। कुछ बांग्लादेशी तो इसी उम्मीद में भारत-बांग्लादेश सीमा पर जमे हुए हैं।

भारत में फंसे बांग्लादेशी नागरिक परेशान  

बांग्लादेश के लालमुनीहाट जिले के रहने वाले अबु हसनत काफी बेचैन हैं। बार-बार किसी को फोन लगाते हैं। संपर्क नहीं हो पाता है तो परेशान हो जाते हैं। ऐसी स्थिति और भी कई बांग्लादेशियों की है, जो कुछ दिनों पहले इलाज कराने के लिए बंगाल के सिलीगुड़ी आए और यहीं फंस गए। इनकी बेचैनी बढ़ी हुई है। इनका शरीर भारत में है लेकिन दिल और दिमाग बांग्लादेश में। कुछ समझ में नहीं आ रहा, क्या करें? सभी वहां की स्थिति से काफी चिंतित हैं।

बांग्लादेश के संस्थापक की मूर्ति तोड़े जाने का किया विरोध

इन लोगों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्ररहमान की मूर्ति तोड़े जाने का विरोध किया। कहा आंदोलनकारियों को बाद में पछतावा होगा। वह शायद अपने क्रोध को रोक नहीं पाए। भारतीय सीमा क्षेत्र में फंसे नूर इस्लाम नामक एक बांग्लादेशी ने भी कुछ इसी प्रकार की बात कही। वह अपने देश वापस लौटने की उम्मीद में मंगलवार को बंगाल में कूचबिहार जिले के चेंगड़ाबांधा स्थित इमिग्रेशन चेक पोस्ट पहुंचे। अबु हसनत भी यहीं आए हुए हैं।

अपनों से नहीं हो पा रहा संपर्क 

उन्होंने बताया कि घर के लोग कैसे हैं, पता नहीं है। उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। जल्दी घर लौटना चाहते हैं। बांग्लादेश के रंगपुर निवासी साहिदुल इस्लाम ने बताया कि 16 दिन पहले इलाज कराने के आए थे, आज घर लौट रहे हैं। कल तो काफी डरे हुए थे, लेकिन अब डर खत्म हो रहा है। वहां स्थिति ठीक हो रही है। वह हिंसा का समर्थन नहीं करते। बांग्लादेश में शांति बहाल होनी चाहिए। 

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