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20 साल पहले एक था जुड़वा बहनों का शरीर, 30 डाक्टरों ने 8 घंटे आपरेशन करके दिया था नया जीवन, जानें अबका हाल

Bengal News मोना व लीसा बंगाल के बद्र्धमान की रहने वाली दो बहनें हैं जिनका शरीर 20 साल पहले जन्म से ही एक दूसरे से सटा हुआ था। डाक्टरों ने दोनों को आपरेशन करके अलग-अलग किया था। अब 20 साल के बाद मोना व लीसा खुशहाल जीवन जी रही हैं

By Jagran NewsEdited By: Vinay Kumar TiwariUpdated: Wed, 09 Nov 2022 06:29 PM (IST)
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Bengal News: 20 साल पहले मोना व लीसा जुड़वां बच्चों के रूप में जन्मी थीं। अब उनको बच्चे हैं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Bengal News:  जुड़वा बच्चों के रूप में जन्मीं मोना व लीसा ने इस महीने की शुरुआत में अपने अलग जीवन के 20 साल और स्वस्थ बच्चों की मां के रूप में एक साल से अधिक पूरे किए। 20 साल पहले मोना व लिसा जुड़वां बच्चों के रूप में जन्मी थीं।

मोना व लीसा बंगाल के बद्र्धमान की रहने वाली दो बहनें हैं, जिनका शरीर 20 साल पहले जन्म से ही एक दूसरे से सटा हुआ था। डाक्टरों ने दोनों को आपरेशन करके अलग-अलग किया था। अब 20 साल के बाद मोना व लीसा खुशहाल जीवन जी रही हैं और दोनों एक साल से अधिक के बच्चे की मां हैं। 

आठ घंटे तक हुई थी जटिल सर्जरी 

मोना व लीसा का जन्म 18 जून, 2002 को बद्र्धमान के एक निजी क्लिनिक में हुआ था। उनका संयुक्त वजन केवल 3.5 किलोग्राम था और वह श्वसन संक्रमण और डायरिया से पीडि़त थीं। सर्जिकल वार्ड की नर्सों ने अस्पताल में भर्ती होने के दौरान साढ़े पांच महीने जुड़वा बच्चियों की विशेष देखभाल की। विशेष पोषण आहार के बाद जब जुड़वा बच्चियों का वजन लगभग नौ किलोग्राम हुआ, तब डाक्टरों ने उनका आपरेशन करने का फैसला किया।

मोना व लीसा को जब अलग किया गया था तब वह छह महीने की थीं। दोनों बहनों की आठ घंटे तक जटिल सर्जरी हुई थी। इस जटिल सर्जरी का संचालन बद्र्धमान मेडिकल कालेज के बाल रोग सर्जन अशोक कुमार राय व नरेंद्रनाथ मुखर्जी के नेतृत्व में 30 डाक्टरों की एक टीम ने किया था।

डाक्टरों ने मोना व लीसा को याद करते हुए कहा कि दोनों बहनें लीवर और छोटी आंत और डायाफ्राम एक साथ साझा करती थीं। 12 दिसंबर, 2002 को जुड़वा बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया था। तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री सूर्यकांत मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल ने छह लाख रुपये से अधिक की इलाज लागत माफ कर दी थी।

नर्सों ने रखा था नाम मोना-लीसा 

मोना व लीसा के पिता शुभंकर भट्टाचार्य ने कहा कि अस्पताल में देखभाल करने वाली नर्सों में से एक ने जुड़वां बच्चियों का नाम मोना व लिसा रखा था। मोना चक्रवर्ती ने बताया कि शादी से पहले हमारे माता-पिता ने हमारे ससुराल वालों को सब कुछ बता दिया और उन्होंने हमें सहर्ष स्वीकार कर लिया। उनकी बहन लीसा बनर्जी की 12 महीने की एक बेटी है।

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