Move to Jagran APP

West Bengal Division: बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के प्रयास के खिलाफ पारित किया प्रस्ताव, भाजपा ने किया समर्थन

West Bengal Division पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार को राज्य को विभाजित करने के किसी भी प्रयास के विरोध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है। प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम बंगाल का बंटवारा नहीं चाहते हैं। जिस वक्त विधानसभा में बंटवारा-विरोधी प्रस्ताव को लाया गया उस समय काफी ज्यादा हंगामा भी देखने को मिला।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Mon, 05 Aug 2024 03:59 PM (IST)
Hero Image
West Bengal Division: बंगाल विधानसभा ने पारित किया प्रस्ताव (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। West Bengal Division: पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सोमवार (5 अगस्त) को राज्य को विभाजित करने के किसी भी प्रयास के विरोध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और मुख्य विपक्षी दल भाजपा इस प्रस्ताव पर एकमत दिखीं, जो कि दुर्लभ है।

राज्य को बांटने की कोशिशों के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम बंगाल का बंटवारा नहीं चाहते हैं। जिस वक्त विधानसभा में 'बंटवारा-विरोधी' प्रस्ताव को लाया गया, उस समय काफी ज्यादा हंगामा भी देखने को मिला।

नहीं होगा बंगाल के किसी भी जिले का विभाजन

विधानसभा में चर्चा के दौरान नया प्रस्ताव रखा गया, जिसमें दो प्रमुख बिंदु शामिल थे। इसमें पहला कि 'हम किसी भी विभाजन की मांग किए बिना बंगाल की रक्षा करेंगे' और दूसरा 'हम बंगाल में विकास के लिए काम करेंगे'।

सदन में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इन बिंदुओं को लेकर सुझाव भी दिया था। प्रस्ताव के पारित होने के साथ ही ये साफ हो गया है कि हाल-फिलहाल में बंगाल के किसी भी जिले का विभाजन नहीं होने वाला है।

गौरतलब है कि भाजपा पर बंगाल के विभाजन की मांग को हवा देने के आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, तृणमूल द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव पर सदन में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने स्पष्ट किया कि पार्टी राज्य के विभाजन के विचार के खिलाफ है।

राज्य को विभाजित करने की कोशिश के खिलाफ- सुवेंदु

उन्होंने उत्तर बंगाल की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि दरअसल हम उत्तरी जिलों का विकास चाहते हैं। प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि हम सहकारी संघवाद में यकीन करते हैं। हम राज्य को विभाजित करने की किसी भी कोशिश के खिलाफ हैं।

नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु ने प्रस्ताव में यह पंक्ति शामिल करने का प्रस्ताव रखा कि हम अखंड बंगाल का समग्र विकास चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि हम बंगाल को विभाजित करने की किसी भी कोशिश का विरोध करते हैं। ममता ने सुवेंदु के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया।

बता दें कि बंगाल के दो जिलों और बिहार-झारखंड के कुछ जिलों को मिलाकर एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने तथा उत्तर बंगाल को पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय का हिस्सा बनाने संबंधी कुछ भाजपा नेताओं की हालिया मांगों के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन नियम 185 के तहत सदन में यह प्रस्ताव पेश किया था।

पिछले साल भी विधानसभा से पारित कराया था प्रस्ताव

बता दें कि बंगाल विधानसभा ने राज्य को विभाजित करने के प्रयासों के खिलाफ पिछले साल फरवरी में भी ध्वनि मत से इसी तरह का प्रस्ताव पारित किया था। यह तीसरी बार है जब बंगाल विधानसभा से राज्य विभाजन के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया है।

यह भी पढ़ें- SC notice to Bengal Govt: '77 मुस्लिम जातियों को कैसे दे दिया OBC कोटा', सुप्रीम कोर्ट ने ममता सरकार को भेजा नोटिस

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।